world sleep day : मौज करोगे जिंदगी में , यदि सही सोना सिख लिया
विदेशों से भी कई चाहने वाले सवाल पूछते है , सनातन धर्म के अनुसार कैसे और कब सोएं ? world sleep day , spanish sleep सोसाइटी ,शास्त्रों के अनुसार शयन के नियम , best time to sleep, according to astrology , इस लेख में सबका जवाब दिया है , ध्यान से पढ़ें
सनातन धर्म में जीवन के सम्पूर्ण कार्य , रीति-रिवाज, कर्म, संस्कार, दिनचर्या, आदि को नियम, अनुशासन और धर्म से बांधा है। असल में नियम ही धर्म है। पूरी नींद लेना क्यों जरूरी है , और सोते समय किन नियमों का पालन करना चाहिए इस संबंध में हिंदू धर्म में विस्तार से बताया गया है। आज बताते हैं नींद से जुड़े सनातन नियम।
75% लोग इस बात की परवाह नहीं करते कि गर्मी है या सर्दी, लेकिन उन्हें किसी चीज़ से ढक कर सोना चाहिए। जिसमें महिलाओं के अधिक संवेदनशील होने की ज्यादा जरूरत है।
स्पैनिश स्लीप सोसाइटी के फ्रांसिस्को जेवियर की एक रीसर्च के मुताबिक ऐसे कई लोग हैं , जिनको बिना ढक कर सोये नींद नहीं आती , और मुख्य रूप से हाथों और पैरों को , इसी वजह से कुछ लोग अपने पैरों पर जुराब ( मोजे ) के बिना सो नहीं सकते।
जिस प्रकार धार्मिक अनुष्ठान होता है ,उसी प्रकार सोना शारीरिक अनुष्ठान है। विशेषज्ञ बताते हैं , कि चादर के उपयोग की भी लगभग सांस्कृतिक भूमिका होती है, जो कि अनुष्ठान का हिस्सा है।
स्वस्थ्य और शरीर को निरोग रखने के लिए सर्वोत्तम नींद जरूरी है, खासकर महिलाओं को। जो घर में सबसे पहले उठती हैं ,और सबसे बाद में सोती हैं।
सनातन धर्म के अनुसार सोने का उत्तम समय , world sleep day , spanish sleep society
शास्त्रों के अनुसार शयन के नियम
1 - तिलक जाग्रत अवस्था में ही होना चाहिए , तिलक लगाकर सोना अशुभ है। इसलिये सोते समय तिलक हटा दीजिए।
2 - कभी भी सूने तथा निर्जन घर में अकेला नहीं सोना चाहिए। मन्दिर और श्मशान घाट में भी नहीं सोना चाहिए। " मनु स्मृति "
3 - निर्वस्त्र या नग्न होकर नहीं सोना चाहिए। गौतम धर्म सूत्र
4 - निरोगी चाहिए तो , मनुष्य को आयुरक्षा हेतु ब्रह्ममुहुर्त में स्नान करना चाहिए। देवीभागवत एवं पद्मपुराण
5 - भीगे पैर नहीं सोना चाहिए। सूखे पैर सोने से ,लक्ष्मी जी (धन) की कृपया प्राप्ति होती है। अत्रिस्मृति
6 - खंडित , टूटी खाट पर तथा जूठे मुँह सोना वर्जित है। महाभारत
7 - याद रखिए , सोते हुए पढ़ना नहीं चाहिए। ऐसा करने से नेत्र ज्योति घटती है। कुछ याद नहीं रहता।
8 - सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय , सोने वाला रोगी और दरिद्र हो जाता है । ये सच्चाई है। - ब्रह्मवैवर्तपुराण
9 - भूल कर भी दिन में कभी नहीं सोना चाहिए। लेकिन दोपहर के समय भोजन के पश्चात 1 मुहूर्त ( यानि 48 मिनट) के लिए सोया जा सकता है।
10 - दक्षिण दिशा में पाँव करके कभी नहीं सोना चाहिए। यम का निवास रहता है। मस्तिष्क में रक्त का संचार कम को जाता है, स्मृति- भ्रंश, मौत व असंख्य बीमारियाँ होती है। किसी भी काम में फोकस नहीं होता।
11 - सूर्यास्त के लगभग 3 घण्टे के बाद ही शयन सर्वोत्तम है।
यहाँ पढ़ें - ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने से क्या होता है?ब्रह्म मुहूर्त में उठने की परंपरा क्यों ?
शयन (सोने ) की दिशा के नियम
पूर्व की ओर सिर करके सोने से पढाई ,विद्या , पश्चिम की ओर सिर करके सोने से चिन्ता, उत्तर की ओर सिर करके सोने से लक्ष्मी जी की हानि व अकाल मृत्यु तथा दक्षिण की ओर सिर करके सोने से धन व आयु की प्राप्ति होती है। आचारमय़ूख
इन नियमों का पालन करने वाला यशस्वी, निरोग और दीर्घायु हो जाता है। समाज में सम्मान से देखा जाता है। जय सनातन धर्म
कब सोना चाहिए , कब उठना चाहिए
रात के पहले प्रहर ( सूर्यास्त के तीन घंटे बाद ) सो जाना चाहिए , और ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए। आधुनिक जीवनशैली के कारण, यह संभव नहीं है , तो क्या करें ?
ऐसे में जल्दी सोने और जल्दी उठने का प्रयास कीजिए ।
हमेशा उषा काल में उठना चाहिए , सिक्ख धर्म में इसको अमृत वेला कहा गया है। नाम से ही इसका महत्व जान सकते हो।
सुबह 4 बजे से 6 बजे शुद्ध रूप से सात्विक होता है , उठने के लिए । इस प्रहर में उठकर नित्यकर्मों से निपटकर पूजा, अर्चना या ध्यान करने से सर्वोत्तम लाभ मिलता है। इस समय व्यक्ति के सभी नित्य कार्यों से निवृत्त हो जाना चाहिए।
इस प्रहर में हमारा मस्तिष्क ज्यादा सक्रिय होता है , इसलिए कार्य करने की क्षमता बढ़ जाती है। इस समय समय में सोते रहने से भविष्य में संघर्ष बढ़ जाता है। ये जीवन की तरक्की में सबसे ज्यादा बाधा डालता है।
शयन , सोने से पूर्व करें भगवान का ध्यान जरूर कीजिए
सनातन धर्म के अनुसार सोने से पूर्व आप अपने ईष्ट देव का ध्यान और नाम जप करके के बाद ही सोएं । सोने से पूर्व आप बिस्तर पर वे बातें सोचें, जो आप जीवन में चाहते हैं।
सोते समय नकारात्मक बातों का खयाल कभी ना करें, क्योंकि सोने के पूर्व के 12 मिनट तक का समय बहुत संवेदनशील होता है।
जबकि आपका अवचेतन मन जाग्रत होने लगता है , और उठने के बाद का कम से कम 16 मिनट का समय भी बहुत ही संवेदनशील होता है। इस दौरान आप जो भी सोचते हैं , वह आपकी जिंदगी में होने लगता है।
आशा है सभी सवालों के जवाब मिल गए होंगे , सनातन धर्म के अनुसार कैसे और कब सोएं ? world sleep day , spanish sleep सोसाइटी ,शास्त्रों के अनुसार शयन के नियम , best time to sleep, according to astrology , कोई और सवाल हो तो message कीजिए , जय श्री राधे
यहाँ पढ़ें - क्या पुरुषों को निर्वस्त्र होकर नहाना चाहिए ? Is naked bath right
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