सौ काम छोड़ के खाओ , हजार काम छोड़ के नहाओ
कुछ प्रश्न लोगों ने पूछे है , क्या पुरुषों को निर्वस्त्र होकर नहाना चाहिए ? Is naked bath right ,महिला को स्नान कब करना चाहिए? बिना कपड़ों के क्यों नहीं नहाना चाहिए? सुबह उठते ही तुरंत क्यों नहीं नहाना चाहिए? स्नान के नियम क्या हैं ? सबकुछ विस्तार से लेख में बताया है , ध्यान से पढ़ें
हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार , निर्वस्त्र स्नान वर्जित है। इसका सबसे बड़ा कारण श्री कृष्ण जी के समय से जुड़ा है। पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार जब गोपियाँ सरोवर में स्नान कर रही थीं तो , वो निर्वस्त्र थीं। उस समय बाल कृष्ण ने गोपियों के सभी वस्त्र छिपा दिए।
गोपियों ने अपने वस्त्र वापस लेने की प्रार्थना की , तब श्री कृष्ण जी ने उन्हें समझाया कि कहीं भी बिना वस्त्र धारण किए स्नान नहीं करना चाहिए। इससे जल के देवता वरुण देव का अपमान होता है।
इसलिए आपको निर्वस्त्र स्नान न करने की सलाह दी जाती है।
वरुण देव निर्वस्त्र स्नान से रुष्ट हो सकते हैं
यदि आप नहाते समय यह सोचते हैं , कि बंद कमरे में कोई आपको नहीं देख रहा है तो ऐसा गलत है। ईश्वर कण कण में मौजूद हैं ,आपको हर स्थान पर देखते हैं। आप यदि निर्वस्त्र होकर स्नान कर रहे हैं , तो ये जल के देवता वरुण देव का अपमान करने जैसा होता है। निर्वस्त्र स्नान से आपको पाप लग सकता है , और आर्थिक और शारीरिक नुकसान पहुंच सकते हैं। दरिद्रता आती है।
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शरीर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है
निर्वस्त्र स्नान करने से आपके शरीर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है , और आपकी मानसिकता भी नकारात्मक हो सकती है। इसलिए यही सलाह दी जाती है , कि भले ही आप नहाते समय कोई एक कपड़ा धारण करें , लेकिन वस्त्र धारण जरूर कीजिए। निर्वस्त्र स्नान से शरीर की नकारात्मक ऊर्जा , शरीर से बाहर निकल सकती है। और इसका प्रभाव आपके शरीर के साथ मन और दिमाग में भी होता है।
निवस्त्र स्नान से पितृ दोष भी लग सकता है
पद्मपुराण के अनुसार, नहाने वाला पानी पूर्वजों के हिस्से जाता है और निर्वस्त्र होकर नहाने से इसे पितरों के समक्ष बिना कपड़ों के नहाना माना जाता है। इसलिए कभी भी निर्वस्त्र होकर स्नान नहीं करना चाहिए।
सनातन धर्म के गरुड़ पुराण के अनुसार जब आप स्नान करते हैं , तब आपके पितर यानी मृत पूर्वज आपके आस-पास मौजूद होते हैं। यदि आप निर्वस्त्र स्नान करते हैं , तो आपको पितृ दोष लग सकता है।
ऐसे स्नान करने से आपके पितरों को तृप्ति नहीं मिलती है , और ये घर में पितृ दोष का कारण बन सकता है। और वस्त्रों से गिरने वाले जल को ग्रहण करते हैं , जिनसे उनकी तृप्ति होती है।
निर्वस्त्र स्नान करने से पितर अतृप्त होकर नाराज होते हैं , उस घर से अपनी छत्र छाया हटा लेते हैं , जिनसे व्यक्ति का तेज, बल, सुख समृद्धि नष्ट हो जाती है।
धन की देवी माता लक्ष्मी होती हैं नाराज
शास्त्रों में ऐसी मान्यता है कि यदि कोई निर्वस्त्र स्नान करता है , तो माता लक्ष्मी उससे रूठ सकती हैं। इससे आपकी कुंडली में धन हानि के योग बन सकते हैं। आपकी आर्थिक स्थिति खराब हो सकती है।
ये कुछ कारण हैं क्यों , आपको निर्वस्त्र स्नान न करने की सलाह दी जाती है , और शास्त्रों में भी इस बात की मनाही है।
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आशा है सभी सवालों के जवाब मिल गए होंगे , क्या पुरुषों को निर्वस्त्र होकर नहाना चाहिए ? Is naked bath right ,महिला को स्नान कब करना चाहिए? बिना कपड़ों के क्यों नहीं नहाना चाहिए? सुबह उठते ही तुरंत क्यों नहीं नहाना चाहिए? स्नान के नियम क्या हैं ? कोई और सवाल हो तो टिपण्णी कीजिए। जय श्री राधे
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