तिरुपति में क्या अनुमति नहीं है ? तिरुपति बालाजी की पूजा कैसे करें ?Tirupati Balaji

Tirupati Balaji -तिरुपति बालाजी मंदिर के ऐसे रहस्य जिन्हे जानकर आप दंग रह जाएंगे , सनातन धर्म और विज्ञानं

तिरुपति में क्या अनुमति नहीं है ? तिरुपति बालाजी की पूजा कैसे करें ?Tirupati Balaji
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कुछ प्रश्न हैं , आपको भी जानना चाहिए। तिरुपति में क्या अनुमति नहीं है ? तिरुपति बालाजी की पूजा कैसे करें। सनातन धर्म और विज्ञानं , तिरुपति बालाजी के नाम से किस भगवान को जाना जाता है?  श्री तिरुपति बालाजी का रहस्य ? तिरुपति बाला जी के नियम ,ध्यान से पढ़ें 


तिरुपति बालाजी के मंदिर के सारे रहस्यों के जवाब वैज्ञानिकों के पास भी नहीं है। 

तिरुपति बालाजी भारत के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित 

है। मंदिर में विराजमान भगवान वेंकटेश्‍वर स्‍वामी जी की मूर्ति है , जिसे भगवान विष्णु का 

अवतार भी माना जाता है। हम यहां तिरुपति बालाजी के ऐसे 7 रहस्य के विषय में बात 

करेंगे जिससे आप जानकर अचंभित हो जाएंगे। 


 तिरुपति जी के दरबार में बड़े से बड़े अमीर और गरीब दोनों ही आते हैं। भगवान 

तिरुपति बालाजी को भारत के सबसे अमीर मंदिरों में से एक माना जाता हैं।, हर साल 

लाखों लोगों की भीड़ भगवान का आशीर्वाद लेने के लिए तिरुमाला की पहाड़ियों आती है।


भविष्य पुराण के अनुसार भगवन विष्णु जब अपने शयनकक्ष में सो रहे थे तो , महर्षि भृगु 

ने उनकी छाती पर जोर से प्रहार किया था। इस पर माता लक्ष्मी जी को बहुत दुख हुआ 

और वहां से चली गयी। इस बात पर भगवान विष्णु को बहुत दु:ख हुआ और वे तिरुमाला 

पर्वत पर निवास करने लगे। तिरुपति का सम्पूर्ण क्षेत्र भगवान विष्णु को वैकुंठ धाम के बाद 

सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। 


ऐसी मान्यता है कि , भगवान तिरुपति बालाजी अपनी पत्नी पद्मावती के साथ तिरुमला में 

निवास करते हैं। यदि कोई भक्त कुछ भी सच्चे दिल और श्रद्धा से कुछ मांगता है, तो 

भगवान विष्णु उसकी सारी मुरादें पूरी करते हैं। जिनकी मुराद भगवान पूरी कर देते हैं, वे 

अपनी इच्छा अनुसार मंदिर में अपने बाल दान कर के आते हैं।

आपको बता दे की भगवान तिरुपति बालाजी को वेंकटेश्वर, श्रीनिवास और गोविंदा के नाम

 से भी जाना जाता है।

तिरुपति बालाजी दर्शन के नियम

सामान्य तौर पर तिरूपति बालाजी मंदिर के दर्शन सुबह 6.30 बजे से शुरु हो जाता हैं। 

जब आप तिरुपति दर्शन करने जाते हैं तो , दर्शन करने के भी कुछ नियम हैं। 

नियम के अनुसार दर्शन करने से पहले आपको कपिल तीर्थ पर स्नान करके , कपिलेश्वर 

के दर्शन करना चाहिए। फिर वेंकटाचल पर्वत पर जाकर बालाजी के दर्शन करना चाहिए।

 इसके बाद पद्मावती देवी के दर्शन करना चाहिए। पद्मावती देवी का मंदिर भगवान 

वेंकटेश्वर स्वामी की पत्नी पद्यावती लक्ष्मी जी को समर्पित है।

जब तक आप इस मंदिर के दर्शन नहीं करते, तब तक आपकी तिरुमला की यात्रा पूरी 

नहीं हो सकती |

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सनातन धर्म का कोई तोड़ नहीं , श्री तिरुपति बालाजी का रहस्य ?

1 -  हजारों साल से बिना तेल का जलता दिया , मंदिर के गर्भगृह में एक दीपक जलता है

 आपको जानकर हैरानी होगी यह दीपक हजारों सालों से ऐसे ही जल रहा है वह भी बिना 

तेल के। यह बात काफी ज्यादा हैरान करने वाली है ऐसा क्यों है इसका जवाब आज तक 

किसी के पास नहीं है

2 -  मूर्ति पर लगे बाल असली हैं , भगवान वेंकटेश्‍वर स्‍वामी के मूर्ति पर लगे बाल कभी 

नहीं उलझते वह हमेशा मुलायम रहते हैं ऐसा क्यों होता है इसका जवाब वैज्ञानिकों के 

पास भी नहीं है।

3 -  मूर्ति बीच में है या दाई ओर है , जब आप मूर्ति को गर्भगृह को बाहर से देखेंगे तो 

आपको मूर्ति दाई ओर दिखाई देगी और जब आप मूर्ति को गर्भगृह के अंदर से देखेंगे तब 

आपको मूर्ति मध्य में दिखेगी।

4 -  मंदिर के मूर्ति को पसीना आता है , मंदिर का गर्भगृह को ठंडा रखा जाता है पर फिर

 भी मूर्ति का तापमान 110 फॉरेनहाइट रहता है जो कि काफी रहस्यमई बात है और 

उससे भी बड़ी रहस्यमई की बात यह है कि भगवान मूर्ति को पसीना भी आता है जिसे 

समय-समय पर पुजारी पोछते रहते हैं।

5 -  परचाई कपूर भी बेअसर है , परचई कपूर एक खास तरह का कपूर होता है जिसे 

पत्थर पर लगाने पर पत्थर कुछ समय बाद चटक जाता है मगर इस कपूर को भगवान की 

मूर्ति पर लगाया जाता है और इस मूर्ति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।

6 -  भगवान की मूर्ति से समुद्र की लहरों की आवाज , भगवान वेंकटेश्‍वर के मूर्ति के 

कानों के पास अगर ध्यान से सुना जाए, तो समुद्र की लहरों की आवाज आती है। यह भी 

काफी विचित्र बात है।

7 -  विशेष गांव से आता है फूल , तिरुपति बालाजी मंदिर से करीब 23 किलोमीटर दूर 

एक गांव पड़ता है इसी गांव से मंदिर के लिए फूल, फल, घी आदि जाता है इस गांव में 

बाहरी व्यक्ति का प्रवेश पर प्रतिबंध है और इस गांव के लोग काफी पुरानी जीवन शैली का 

उपयोग करते हैं।

तिरुपति बालाजी दर्शन के ड्रेस कोड नियम

श्री तिरुपति बालाजी का रहस्य ? तिरुपति बालाजी के नाम से किस भगवान को जाना 

जाता है ? तिरुपति बालाजी दर्शन के नियम , तिरुपति मंदिर में किस चीज की अनुमति 

नहीं है ?


श्री तिरुपति बालाजी मंदिर के बाहरी परिसर में मोबाइल रख सकते हैं , सुरक्षा कारणों से 

मंदिर के अंदर मोबाइल ले जाने की अनुमति नहीं है।  आप जहां से लाइन शुरू होती है ,

 वहां मोबाइल जमा करा सकते हैं। 


कुछ नियम और भी हैं , जैसे जब आप टिकट लेकर , जल्दी दर्शन वाली लाइन में लगते हैं 

तो वहां का ड्रेस कोड है।  श्रद्धालु जींस, टी-शर्ट, शॉर्ट्स और स्कर्ट पहनकर नहीं आ 

सकते। उन्हें पारंपरिक कपड़े पहनकर ही मंदिर परिसर के अंदर आने की अनुमति 

मिलती है। । पुरुषों के पास कुर्ता-पायजामा पहनने का विकल्प भी है। 


मंदिर में पुरुषों के लिए धोती-कुर्ता, लुंगी और कंडुआ ( कंधों और ऊपरी शरीर को ढकने 

के लिए वस्त्र ) ड्रेसकोड रखा गया है।  महिलाओं को मंदिर में प्रवेश के लिए साड़ी या 

सलवार-कमीज पहनना होगा।

आशा है सभी प्रश्नों के उत्तर मिल गए होंगे । तिरुपति में क्या अनुमति नहीं है ? Tirupati Balaji , तिरुपति बालाजी की पूजा कैसे करें। सनातन धर्म और विज्ञानं , तिरुपति बालाजी के नाम से किस भगवान को जाना जाता है?  श्री तिरुपति बालाजी का रहस्य ? तिरुपति बाला जी के नियम क्या हैं। जय तिरुपति बाला जी।

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गीता जी वेदांत


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