कुलदेवी पूजा मंत्र , कुलदेवी की स्थापना कैसे करें , why we do kuldevi pooja

 राजा जैसी जिंदगी जीना चाहते हो ? तो कुलदेवी को मनाओ ,मौज करोगे। 

कुलदेवी पूजा मंत्र , कुलदेवी की स्थापना कैसे करें , why we do kuldevi pooja

कुलदेवी पूजा मंत्र इसका रामबाण इलाज है , कुलदेवी की स्थापना कैसे करें ,ये हम विस्तार से बता देंगे। जैसा बताएँगे ,वैसे कर दिया तो , सब काम सिद्ध , मौज ही मौज । 


एक मंदिर ऐसा है ,जहाँ हनेशा आपका इन्तजार किया जाता है ,मेरा कुलदीपक आएगा ,मैं उसको निहारूंगी ,देखूँगी ,आशीर्वाद दूंगी। मेरा बेटा आएगा। वो मंदिर है , हमारी कुलदेवी का मंदिर। बाकि तो कहीं जाते हो ,वो महज पिकनिक है। 

ऐसे लोग बहुत देखे होंगे होंगे  जो बहुत पूजा पाठ करते है बहुत धार्मिक है फिर भी उसके परिवार में सुख शांति नही । जो धन आता है घर मे पता ही नही चलता कोनसे रास्ते निकल जाता है ।

 शादी नही होती , शादी किसी तरह हो गई तो संतान नही होती । घर में कोई तरक्की बरकत नहीं होती। गृह कलेश रहता है। घर परिवार में किसी की नहीं बनती। किसी को भेजो सुनार के पास ,वो मिलता है लुहार के पास। 

ये संकेत है की आपके कुलदेव या देवी आपसे रुष्ट है | आपके ऊपर से सुरक्षा चक्र हट चूका है जिसके कारण नकारात्मक शक्तिया आप पर हावी हो जाती है । फिर चाहे आप कितना पूजा पाठ करवा लो , कोइ लाभ नही होगा ।

कुलदेवता या कुलदेवी का हमारे जीवन में बहुत महत्व होता है । इनकी पूजा आदिकाल से चलती आ रही है इनके आशिर्वाद के बिना कोई भी शुभ कार्य नही होता है।  यही वो देव या देवी है , जो कुल की रक्षा के लिए हमेशा सुरक्षा घेरा बनाये रखती है ।

इसलिए आपसे निवेदन है अपने कुलदेव या देवी का पता लगाओ और उनकी शरण मे जाओ अपनी भूल की क्षमा माँगो | 

आपके बड़े बुजुर्ग ,आस पड़ोस की बुजुर्ग ओरतें जरूर जानती होंगी आपकी कुल देवी कौन हैं ,या फिर आपके गोत्र के कुनबे के लोग ,चाचा ,ताऊ , बुआ | उन्ही से पता कीजिए ,थोड़ी कोशिश करनी होगी ,इधर उधर फ़ोन घुमाओ ,कुल देवी और उसका दिन , बार , तिथि का पता करो | 

कुलदेवी की पूजा किस दिन करनी चाहिए ?


यदि कुलदेवी / कुलदेवता का पता नहीं चलता है ,तो भी ये साधना की जा सकती है। सच्चे दिल से कुलदेवी की प्रार्थना की जाय तो बहुत जल्दी फलित होती है। यदि माता प्रसन्न हो जाय तो ,अपने होने का सबूत भी किसी न किसी रूप में दे देती है। या फिर घर की खुशहाली बता देती है की कुलदीवे का आशीर्वाद घर पर है।

                                     कुलदेवी कृपा प्राप्ति साधना


यह साधना शुक्ल पक्ष कि अष्टमी , 12 , 13, 14  तिथि को करनी है |


किसी भी दिन शुक्रवार  शाम को , खीर बनाओ ( चाहे 100  ग्राम चावल की ) संध्या के समय ,यानि शाम सवा सात बजे या उसके बाद |


 घर में जहाँ पूजा करते हो वहां पर एक घी का दीपक प्रज्वलित करो , उसकी लौ के पास अंगारा रखो ,अंगारे पर  चुटकी भर खीर डालो ,खीर पर चम्मच से मामूली मामूली घी डालो , अंगारे पर देखो लौ आती है या नहीं |


अगर लौ आ जाती है तो हाथ जोड़ के कहो -हे कुल देवी , हे माता जी आपका ही पहरा है ,परिवार को स्वस्थ और खुशहाल करो | 


और सात ,सात बार इन मन्त्रों का जाप कीजिए 


कुलदेवता मंत्र —-


ॐ ह्रीं कुल देवतायै मनोवांछितं साधय साधय फट्॥

कुलदेवी मंत्र —--

|| ओम ह्रीं श्रीं कुलेश्वरी प्रसीद - प्रसीद ऐम् नम : ||

साधना समाप्ति के बाद खीर का प्रसाद परिवार मे ही बाटना है | बाहर किसी को नहीं देना ,इसका खास ख्याल रखना है। 3 दिन बाद सारी सामग्री जल मे परिवार के कल्याण कि प्रार्थना करते हुये प्रवाहित कर दे | साधना समाप्ति के बाद सहपरिवार आरती कर दे |

कुलदेवी पूजा मंत्र क्या है, कुलदेवी की स्थापना कैसे करें ,ये हमने विस्तार से बता दिया है। और कोई प्रश्न हो तो टिपण्णी कीजिए ,समय मिलते ही आपके प्रश्न का उत्तर दिता जायेगा।। जानकारी अच्छी लगी तो फॉलो कीजिए ,शेयर कीजिए । जय श्री राधे 

  कैसे पता चले कि कुलदेवी कौन है 

 सभी प्रकार की ज्योतिषीय और आध्यात्मिक समस्याओं के लिए सम्पर्क करें  


whatsapp  7206661495 

गीता जी वेदांत


और नया पुराने