कुलदेवी का क्या महत्व है, Why do people do Kuldevta / Kuldevi pooja?

 

यमराज भी पूछता है , May I come in ,यदि घर पर कुलदेवी का आशीर्वाद हो


कुलदेवी का क्या महत्व है,  Why do people do Kuldevta / Kuldevi pooja?



लोगों के आम सवाल होते हैं , कुलदेवी का क्या महत्व है , Why do people

do Kuldevta/Kuldevi pooja? कुल देवता मंत्र । कुलदेवी कौन सी है

 ,कुलदेवी की पूजा कब की जाती है ? रूठी हुई कुलदेवी को कैसे

 मनाए ? कुलदेवी माता कौन सी होती है? अपने कुलदेवता की

 पहचान कैसे करें ? कुलदेवी का पता 

कैसे करे , यदि ऐसा ही सवाल आपका है तो ,ध्यान से पढ़ें -----


लोगों ने अब भागदौड़ भरी जिंदगी , बिज़नेस ,रोजी रोटी ,नौकरी के चक्कर में लोग

अपनी जड़ों से दूर हो गये , अपने पूर्वजो के जन्म स्थान से दूर हो गए |


और अपने पूर्वजो के रीती रिवाज छोड़ दिए। कुलदेवी और कुलदेवता की मान्यता , पूजा 

पाठ ,उनका मान सम्मान भी छोड़ दिया। 


कुछ वर्षों तक अपनी कुल देवी या कुल देवता की पूजा नहीं करने से कोई ख़ास अंतर 

नजर नहीं आता। 


लेकिन धीरे-धीरे जब कुल देवी या देवता का घर-परिवार पर से आशीर्वाद / उनका 

आध्यात्मिक सुरक्षा चक्र हटता है , तो परिवार में आकस्मिक दुर्घटनाएं, नकारात्मक

ऊर्जा, बाहरी बाधाओं का बेरोक-टोक प्रवेश शुरू हो जाता है। 


घर-परिवार की उन्नति रुकने लगती है ,हर एक काम में बाधा आने लगती है। संस्कारों

का क्षय, बच्चों में नैतिक पतन, घर परिवार में कलह, अशांति का वास होने लगता है।

ग्रह-नशत्र का मेल अच्छा होते हुए भी परिवार का कल्याण नहीं होता ,कोई मंगल कार्य

नहीं होता । 


लक्ष्मी माता का आशीर्वाद नहीं रहता , व्यापार में ,धन माया में बरकत नहीं होती। शादी विवाह में अड़चन आम बात है ।


आपने देखा होगा शादी - विवाह ,रिश्ता बनवाने में ,प्रेम - प्यार , इनमे एक बात कॉमन है , 

रिश्ते करवाने में परिवार से अलग तीसरे व्यक्ति की 95  %  भूमिका होती है |


जिसको बिचौलिया भी कह सकते हो | और वो कोई भी हो सकता है ,कोई जान पहचान

 वाला , पारिवरिक सदस्य ,रिश्तेदार या अडोसी ,पडोसी | 


कुलदेवी या पितृ देवों का आशीर्वाद जिन पर नहीं होता उन लोगों को रिश्ता जोड़ने वाला

 मिलता ही नहीं है | 


अपने कुलदेवता की पहचान कैसे करें ? कुलदेवी का पता कैसे करें। 


ये बात खोज का विषय है ,आपके बड़े बुजुर्ग ,आस पड़ोस की बुजुर्ग ओरतें जरूर

जानती होंगी आपकी कुल देवी कौन हैं ,या फिर आपके गोत्र के कुनबे के लोग ,चाचा

,ताऊ , बुआ | उन्ही से पता कीजिए ,थोड़ी कोशिश करनी होगी ,इधर उधर फ़ोन

घुमाओ ,कुल देवी और उसका दिन , बार , तिथि का पता करो | 


अगर पता चल जाता है तो पांच -सात दिन दीपक करो ,उसके बाद महीने में एक दिन

होता है कुल देवी का उस शाम को कुछ मीठा बनाओ और माता का भोग लगाओ , नहीं

पता चलता है तो इस  हवन -पूजा इत्यादि से स्थापित करवा देंगे  |


कुलदेवी की पूजा कब की जाती है ?


देवी माता की धोक / पूजा महीने में एक बार शुक्ल पक्ष में ही लगाई जाती है , अलग अलगमाता का दिन ,वॉर भी अलग होता है ।


जैसे शेरों वाली माता ( शीतला माता , गुड़गांव वाली माता यदि किसी की कुलदेवी है ,


तो इसकी पूजा शुक्लपक्ष की अस्टमी को  ही होगी। कोई भी कुलदेवी हो ,पूजा सूर्यास्त


के बाद ही होती है।


यहाँ पढ़ें  - कुलदेवी की पूजा किस दिन करनी चाहिए ? worship kuldevi or kuldevta


रूठी हुई कुलदेवी को कैसे मनाए ? 


रूठी हुई कुलदेवी या देवता की अपार कृपा पाने के लिए उनके स्थान पर जाएं और एक 

साबुत नींबू के को अपने ऊपर से 21 बार उतार लें। इसके बाद इसके दो भाग करके 

अलग-अलग दिशा पर फेंक दें। इसके बाद कुलदेवी या देवता से क्षमा मांग कर पूजा पाठ कर लें।


घी का दीपक


कुलदेवी या देवता की पूजा करते समय शुद्ध घी के साथ धूप और कपूर जलाना चाहिए।


साबुत चावल चढ़ाएं


कुलदेवता को चंदन, अक्षत, सिंदूर आदि जरूर लगाएं। इसके साथ ही हल्दी में लिपटे

पीले चावल को भिगोकर अर्पित करना शुभ होता है।


पान के साथ चढ़ाएं ये चीजें


पूजा के समय कुलदेवी या देवता को पान में सुपारी, लौंग, इलायची, दक्षिणा, गुलकंद आदि जरूर चढ़ाएं।


तस्वीर नहीं है, तो करें ये काम


अगर आपके घर में कुलदेवी या देवता की तस्वीर या मूर्ति नहीं है, तो एक सुपारी में

अच्छी तरह कलावा लपेट दें। इसे प्रतीकात्मक रूप बांधकर पूजा करें। इससे लाभ

मिलेगा।


कुल देवता मंत्र


कुल देवता / कुलदेवी मंत्र 


जिस भी वार / दिन आप अपने कुल देवता / कुलदेवी की धोक पूजा करते हो , 11 बार इस मंत्र का जाप कीजिए , जो भी मनोकामना है ,वो माता जी को बता सकते हो , बल्कि बच्चों की तरह आग्रह कर सकते हो ,हक़ से मांग सकते हो , वो हमारी बड़ी बुजुर्ग है ,कभी मना नहीं करती। 


मंत्र  - “ ओम ह्रीं श्रीं कुलेश्वरी प्रसीद -  प्रसीद ऐम् नम : “


आशा करते हैं सभी सवालों के जवाब मिल गए होंगे , कुलदेवी का क्या महत्व है , Why do 

people do Kuldevta / Kuldevi pooja? कुल देवता मंत्र । कुलदेवी कौन सी है ,कुलदेवी की

 पूजा कब की जाती है ? रूठी हुई कुलदेवी को कैसे मनाए ? कुलदेवी माता कौन सी होती है? 

अपने कुलदेवता की पहचान कैसे करें ? कुलदेवी का पता कैसे करे , कोई और सवाल हो तो 

मैसेज कीजिए।  जय माता रानी 


यहाँ पढ़ें  -  कुलदेवी की पूजा क्यों जरूरी है , कुलदेवी पूजा मंत्र , astrology kuldevi poojan


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गीता जी वेदांत


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