कुलदेवी की कृपा का मतलब है , सौ सुनार की एक लोहार की।
हिन्दू धर्म के अनुसार इन सवालों के जवाब आपको पता होना चाहिए , कुलदेवी की पूजा क्यों जरूरी है , कुलदेवी पूजा मंत्र , astrology kuldevi poojan ,कुलदेवी का महत्व क्या है , कुलदेवी की पूजा किस दिन करनी चाहिए ,कुलदेवी की खोज कैसे करें ,कुलदेवी की सरल पूजा विधि क्या है। इस लेख में विस्तार से समझाया है ,ध्यान से पढ़ें ----
कुलदेवी का ही एक ऐसा मंदिर है , जिसमे हमारा इन्तजार किया जाता है ,की मेरा बेटा आएगा ,मेरे कुल का दीपक आएगा ,कुलदेवी माता अपने कुटुम्भ कबीले वालों का इन्तजार करती है।
कुलदेवी की पूजा क्यों जरूरी है
कुलदेवी की कृपा के बिना कोई कुल ,कोई वंश , कोई नाम, यश आगे नहीं बढ़ सकता । माता जी की कृपा के बिना कोई कुल तरक्की ,उन्नति नहीं कर पाता। पितृदेव भी साथ छोड़ देते हैं।
जब हम अपनी कुलदेवी के स्थान पर आना जाना छोड़ देते हैं , पूजा पाठ , मान सम्मान छोड़ देते हैं ,तो हमारे पितरों का आशीर्वाद भी हमारे ऊपर नहीं रहता ,यहाँ से ही पितृ दोष शुरू होता है ।
हमारी और हमारे पितरों की कुलदेवी एक ही है।
जब हमारे पितृ पृथ्वी पर जीवित थे ,तब पुरे विधि विधान से कुलदेवी की पूजा पाठ हमारे घरों में किया जाता था ,पूरा मान सम्मान दिया जाता था ।
कुलदेवी की पूजा पाठ छोड़ देने से ,हमने अपने पितृ देवों की परम्परा का उलंघन किया है , पितृ दोष का ये भी एक कारण है। हमारे पितृ कोई श्राप नहीं देते लेकिन साथ भी नहीं देते ।
कुलदेवी और पितृ देव हमारे बुजुर्ग हैं ,इनका आशीर्वाद ,आवागमन , दिशा निर्देश , इनकी ठंडी निगाहें वही रहेंगी जहाँ इनका मान सम्मान होगा।
कुछ लोग दूसरों के कहने से या किसी से प्रेरित होकर कई हवन / साधनायें तो करते हैं , पूजा पाठ करवाते हैं ,तांत्रिक उपाय करते हैं।
लेकिन वो ये नहीं जानते की जब आप अपनी कुलदेवी को माने बिना किसी और देवी देवता की साधना करते हो , तो वह साधना कभी सिरे नहीं चढ़ती , यशस्वी नहीं होती ,फलित नहीं होती । उलटा कुलदेवी का प्रकोप अथवा रुष्टता और ज्यादा बढ़ती है।
कुछ लोग मानते हैं की हम तो वैष्णों देवी , श्रीनाथ जी जाते हैं , तिरुपती जी जाते हैं । सभी तीर्थों और चारधाम की यात्रा करते हैं । बिना कुलदेवी के आशीर्वाद बिना ,किसी भी धार्मिक स्थान पर घूम लो ,कोई फायदा नहीं होगा।
और तो आप इधर उधर तीर्थ स्थानों पर जाते हैं , वो महज पिकनिक है।
इससे कुलदेवी प्रसन्न नहीं होती । बल्कि वो शक्तियाँ भी आपको यही कहेंगी की पहले अपने माँ बाप को याद करो फिर मेरे पास आओ। पता चला कुलदेवी का महत्व ? और अधिक जानकारी के लिए इस लिंक में पढ़ें --
यहाँ पढ़ें - कुलदेवी का क्या महत्व है Why do people do Kuldevta / Kuldevi pooja?
कुलदेवी की खोज कैसे करें
आपको थोड़ी सी मेहनत करनी है , अपनी कुलदेवी की खोज करने में। आपके बड़े बुजुर्ग ,आस पड़ोस की बुजुर्ग ओरतें जरूर जानती होंगी आपकी कुल देवी कौन हैं ,या फिर आपके गोत्र के कुनबे के लोग ,चाचा ,ताऊ , बुआ , उन्ही से पता कीजिए ।
थोड़ी कोशिश करनी होगी ,इधर उधर फ़ोन घुमाओ ,कुल देवी और उसका दिन , बार , तिथि का पता करो | अगर पता चल जाता है तो उस दिन या उस वार को सूर्यास्त के बाद घी का दीपक करो। उसके बाद महीने में एक दिन होता है कुल देवी का , उस शाम को कुछ मीठा बनाओ और माता का भोग लगाओ , नहीं पता चलता है तो इस हवन -पूजा इत्यादि से स्थापित करवा देंगे |
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आशा है इन सवालों के जवाब मिल गए होंगे , कुलदेवी की पूजा क्यों जरूरी है , कुलदेवी पूजा मंत्र , astrology kuldevi poojan ,कुलदेवी का महत्व क्या है , कुलदेवी की पूजा किस दिन करनी चाहिए ,कुलदेवी की खोज कैसे करें ,कुलदेवी की सरल पूजा विधि क्या है। कोई और सवाल को तो मैसेज कीजिए। जय कुलदेवी माता
यदि जानना है , कुलदेवी पूजा मंत्र क्या है ? कुलदेवी की सरल पूजा विधि क्या है। निचे लिंक में सब समझाया है ,ध्यान से पढ़ें ----
यहाँ पढ़ें - कुलदेवी पूजा मंत्र , कुलदेवी की स्थापना कैसे करें , why we do kuldevi pooja
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