तिलक लगाने का वैज्ञानिक महत्व क्या है? , माथे पर तिलक लगाने का क्या फायदा है? sanatan dharma

 

माथे पर तिलक लगाने से बनते है अटके हुए काम।


तिलक लगाने का वैज्ञानिक महत्व क्या है? तिलक लगाने का मंत्र ,sanatan dharma




लोगों के सवाल है , तिलक लगाने का वैज्ञानिक महत्व क्या है? , माथे पर

तिलक लगाने का क्या फायदा है? sanatan dharma , तिलक लगाने के फायदे ,

किस उंगली से किस अवसर पर लगाएं तिलक ,  तिलक लगाने का मंत्र क्या है।

इस लेख में विस्तार से बताया है। 


मस्तक पर तिलक लगा देखकर स्वाभाविक ही सवाल उठता है , कि आखिर तिलक

 लगाने से महत्व क्या है ? क्या ये केवल दिखावा है या कोई वैज्ञानिक कारण भी है ? 


सनातन धर्म ( sanatan  dharma ) में तिलक लगाना अति प्राचीन परम्परा रही है | यह 

हिन्दू धर्म का प्रतीक भी है। और हर शुभ कार्य का आरंभिक भाग भी माना जाता है | 

सनातन धर्म का गौरव है तिलक |


हिन्दू धर्म में जब भी कोई धार्मिक कार्य , शुभ काम ,यात्रा के लिए जाना होता है , तब 

कार्य सिद्धि प्राप्त करने के लिए तिलक संस्कार किया जाता है | मस्तक पर तिलक 

लगाकर इस कार्य की शुभ सिद्धि के लिए कामना की जाती है , ताकि करए सिद्धि हो। 



तिलक धारण करने से शांति और ऊर्जा मिलती है , मन एकाग्रचित होता है। और 

जिसका मन शान्त हो ,वो हर काम में सफलता प्राप्त करता है। 


               तिलक का वैज्ञानिक महत्व 


पूरी पृथ्वी पर सनातन धर्म ,एक ऐसा धर्म है , जो विज्ञानं आधारित है। प्राचीन काल से 

हमारे ऋषि मुनियों को विज्ञानं के सारे रहस्यों का पता था। 


असल में मानव शरीर में सात सूक्ष्म ऊर्जा केंद्र होते हैं, जो अपार शक्ति के भंडार हैं। 

इन्हें ऊर्जा चक्र कहा जाता है। माथे के बीच में जहां तिलक लगाते हैं, वहां आज्ञा चक्र 

होता है।


 यह चक्र हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण स्थान है, जहां शरीर की प्रमुख तीन नाडि़यां 

इड़ा, पिंगला व सुषुम्ना आकर मिलती हैं। इसलिए इसे त्रिवेणी या संगम भी कहा जाता है। 


यह गुरु स्थान भी कहलाता है। यहीं से पूरे शरीर का संचालन होता है। यही हमारी चेतना 

का मुख्य स्थान भी है। इसी को मन का घर भी कहा जाता है। 


इसी कारण यह स्थान शरीर में सबसे ज्यादा महत्व रखता  है। योग में ध्यान के समय 

इसी स्थान पर मन को एकाग्र किया जाता है। जिव आत्मा का प्रवेश और निकास स्थान 

भी यही है। 


कुलदेवी पूजा मंत्र , कुलदेवी की स्थापना कैसे करें ,



                      तिलक लगाने के फायदे

 

मस्तक पर जहाँ तिलक लगाया जाता है ,वो स्थान मंगल का होता है। मंगल को लाल रंग 

अति पिर्य  है , लाल रंग का तिलक लगाने से मंगल देव प्रसन्न होते हैं |


जो नियमित तिलक लगाता है , उसका मंगल मजबूत होता है , उसमें पराक्रम संचार 

होता है | घर व्यापार में बरकत होती है , आय के नए मार्ग खुलते है | 


माता , बहनो को टिक्का बिंदी करनी चाहिएं ,पति की आयु बढ़ती है , खुद निरोग रहती 

हैं | घर में लक्ष्मी का वास् होता है। तिलक धारण करने से व्यक्त‍ित्व प्रभावशाली हो जाता 

है।


तिलक लगाने का मनोवैज्ञानिक असर होता है, इससे व्यक्त‍ि का आत्मविश्वास जगता 

है। दूसरे व्यक्तित्व के आगे झुकता नहीं है। स्त्रियां बिंदी लगाकर ऐसा अनुभव प्राप्त कर 

सकती हैं।


तिलक धारण करने से स्वभाव में परिपक्वता आती हैं , देखने वाले पर सात्विक प्रभाव 

पड़ता हैं। तिलक जिस भी चीज का लगाया जाता हैं , उस चीज की ज़रूरत अगर शरीर 

को होती हैं , तो वह भी पूर्ण हो जाती हैं।


मस्तक पर नियमित रूप से तिलक लगाने से , मस्तक में तरावट आती है।  लोग शांति व 

सुकून अनुभव करते हैं।  यह कई तरह की मानसिक बीमारियों से रक्षा करता है। तिलक 

लगाने से उदासी दूर होती है और मन में उत्साह जागता है। यह उत्साह लोगों को अच्छे 

कामों में लगाता है। 


इससे सिरदर्द की समस्या में कमी आती है। हल्दी से युक्त तिलक लगाने से त्वचा शुद्ध 

होती है। हल्दी में आयुर्वेदिक तत्व होते हैं, जो रोगों से मुक्त करता है। 


        किस उंगली से किस अवसर पर लगाएं तिलक 


किस प्रकार के कार्य में किस अंगुली से तिलक लगाना उचित होता है , विष्णु संहिता में

 इस बात का उल्लेख है। तिलक लगाने के लिए भिन्न-भिन्न अंगुलियां का प्रयोग 

अलग-अलग फल प्रदान करता है।

 

1 - किसी भी तरह के शुभ और वैदिक कार्य करे समय अनामिका अंगुली  (चौथी 

अंगुली) से तिलक लगाना चाहिए। 


 2 - पितरों से जुड़े कार्य करते समय मध्यमा उंगली से तिलक लगाना चाहिए। 


3 - ऋषि स्तुति, ऋषि पूजन, गुरू पूजन आदि में कनिष्ठिका या छोटी उंगली से तिलक 

लगाना चाहिए। 


4 - तंत्र मंत्र की क्रियाओं में प्रथम यानि तर्जनी अंगुली से तिलक किया जाना चाहिए। 


5 - मोक्षप्राप्ती करनी हो तो तिलक अंगूठे से कीजिए ,

 

6 - शत्रुता का नाश करना हो तो तर्जनी से,

 

7 - धनप्राप्ति हेतु मध्यमा से ,


8 -  शान्ति प्राप्ति हेतु तिलक अनामिका से लगाया जाता हैं।


9 - रक्षाबंधन के समय बहने अपने भाई को मध्यमा या अनामिका से तिलक करती हैं।


10 - अंगूठे से तिलक करना पुष्टिदायक माना गया है। रणक्षेत्र में योद्धा अंगूठे से तिलक 

लगाते हैं।


                  तिलक लगाने का मंत्र 


तिलक लगाने का सही तरीका -- इस मंत्र का एक बार जाप करने बाद तिलक करें , 

पूजा के स्थान पर इस मंत्र को कागज पर लिख सकते हैं


ॐ धरणीगर्भसंभूतं विद्युतकान्तिसमप्रभम।

कुमारं शक्तिहस्तं तं मंगलं प्रणमाम्यहम।।'


सभी सवालों का जवाब दिया है , तिलक लगाने का वैज्ञानिक महत्व क्या है? , माथे

पर तिलक लगाने का क्या फायदा है? sanatan dharma, तिलक लगाने के फायदे ,

किस उंगली से किस अवसर पर लगाएं तिलक ,  तिलक लगाने का मंत्र क्या है। 

कोई और सवाल हो तो टिपण्णी कीजिए। जय श्री राधे 


जानकारी अच्छी लगी तो फॉलो कीजिए और दायीं और लाल घंटी को दबा दीजिए , ताकि अगली पोस्ट जल्दी से जल्दी आपके पास पहुंचे , धन्यवाद


राशि के अनुसार तिलक , माथे पर तिलक लगाने का मंत्र , indian culture


सभी प्रकार की ज्योतिषीय और आध्यात्मिक समस्याओं के लिए सम्पर्क करें  

whatsapp  7206661495 

गीता जी वेदांत


और नया पुराने