गोबर से घर क्यों लीपा जाता है ? Why is cow dung put on walls ?

 

ऐसे ही नहीं कहते , गाय के गोबर में लक्ष्मी का वास है

गोबर से घर क्यों लीपा जाता है ? Why is cow dung put on walls ?


सनातन धर्म में गाय के गोबर और गोमूत्र को बेहद पवित्र माना जाता है।

 गाय के गोबर को घर में लीपना भारतीय गांवों में सफाई की अहम् प्रक्रिया का हिस्सा मन जाता है। त्योहारों में भी, ग्रामीण लोग अपने घरों की सफाई के बाद दीवारों और फर्श को गाय के गोबर लीपा जाता हैं। 

यह ठीक उसी तरह है , जैसे शहरी लोग अपने घरों को उत्सव का एहसास दिलाने के लिए रंग करवाते है |


इस लेख में कुछ ऐसे सवालों के उत्तर दिए हैं , जिनके बारे में आज की पीढ़ी नहीं जानती। गोबर से घर क्यों लीपा जाता है ? Why is cow dung put on walls ? घर की दीवारों पर गाय का गोबर क्यों लगाया जाता है , भारतीय अपने घर की दीवारों पर गाय का गोबर क्यों लगाते हैं ?


ज्यादातर भारतीय इसके बारे में जानते होंगे की गाय के गोबर का क्या महत्व है।  यह गायों द्वारा उत्पादित अपशिष्ट उत्पाद है। यह एक जादुई सामग्री है।  हिंदू धर्म में इसका बहुत महत्व है , प्राचीन काल से इसका उपयोग धार्मिक अनुष्ठानों में होता है।

 

भारत के ग्रामीण इलाकों में गाये के गोबर से लीपा जाता है , ये केवल घर की सजावट नहीं होती ,घरों को जीवंत किया जाता है।


 इतना ही नहीं, ग्रामीण निवासियों द्वारा मानी जाने वाली एक और आश्चर्यजनक बात यह है कि गाय का गोबर घर को शुद्ध करता है, और यह भारतीय गांवों में सफाई प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।


 वास्तव में, यह प्रक्रिया प्राचीन वैदिक युग के समय से निरंतर उपयोग में रही है।


विस्तार से बताते हैं  भारतीय अपने घर की दीवारों पर गाय का गोबर क्यों लगाते हैं ?

कुछ रीति-रिवाज हैं , जो प्राचीन काल से भारत में धार्मिक रूप से पालन किए जाते हैं। आज भी लोग विशेष रूप से भारत के ग्रामीण हिस्सों में इन रीति-रिवाजों का पालन दिल से करते हैं।  जैसा कि उनके पूर्वजों ने किया था।  

यह कुछ लोगों के लिए अटपटा लग सकता है, लेकिन यह जानना दिलचस्प है कि क्यों लोग अभी भी अपने घरों में गोबर लगाते हैं। आइए जानते हैं 

                                  आध्यात्मिक पक्ष


सनातन धर्म /  हिंदू धर्म में, गाय को "गौ माता" ( गाय माता ) का दर्जा दिया जाता है। इसलिए गाय के गोबर और गोमूत्र को दैवीय माना जाता है। 


गोमय वस्ति लक्ष्मी  - वेदों में कहा गया है कि गाय में लक्ष्मी का वास होता है।  गोमय गाय के गोबर रस को कहते है।  यह कसैला एवं कड़वा होता है , तथा कफजन्य रोगों में प्रभावशाली है।  गोबर को अन्य नाम भी है , गोविष्ठा, गोमल , गोविन्द, गोशकृत, गोपरीषम, आदि


" अग्रंमग्रं चरंतीना, औषधिना रसवने ,

तासां ऋषभपत्नीना, पवित्रकायशोधनं ,

यन्मे रोगांश्वशोकांश्व, पापं में हर गोमय ,


इसका अर्थ है - वन में अनेक औषधि के रस का भक्षण करने वाली गाय, उसका पवित्र और शरीर शोधन करने वाले गोबर , तुम मेरे रोग और मानसिक शोक और ताप का नाश करो।


महालक्ष्मी का वास कहाँ होता है



                                 वैज्ञानिक पक्ष


गाय का गोबर जमीन और घर को हमेशा गर्म रखता है


गोबर से घर क्यों लीपा जाता है ? Why is cow dung put on walls ?



ज्यादातर आधुनिक घर के फर्श मार्बल या विभिन्न प्रकार के पत्थरों से बने हुए है।  खूबसूरत दिखने वाले ये मार्बल्स या स्टोन अत्यधिक गर्मी प्रतिरोधी होते हैं , और हमेशा ठंडे स्वभाव के होते हैं।


 इसलिए उन पर नंगे पैर चलना बहुत कठिन होता है, खासकर सर्दियों के मौसम में। यही कारण है कि ग्रामीण भारतीय फर्श और दीवारों पर गोबर लगाते हैं।


 गाय का गोबर सूख जाता है , तो वह ठोस हो जाता है और दीवारों को मजबूती प्रदान करता है । इसके अलावा, यह नमी का बहुत खराब संवाहक है , और दीवारों के अंदर और फर्श पर गर्माहट बनाए रखता है। 


 घर को गर्मी के लाभ या हानि से बचाने के लिए एक प्राकृतिक इन्सुलेटर के रूप में कार्य करता है।


गाय के गोबर से लिपी हुई फर्श सर्दियों में गर्म और गर्मियों में ठंडी रहती है।


बैक्टीरिया और कीटाणुओं का नाश करता है 


वैज्ञानिक शोधों ने यह साबित कर दिया है , कि गाय के गोबर में बैक्टीरिया को मारने की ताकत होती है , जो इंसानों के लिए हानिकारक होते हैं। गाय का गोबर खनिजों से भरपूर होता है | 


इसके जीवाणुरोधी गुण लोगों को विभिन्न बीमारियों, स्वास्थ्य समस्याओं से बचाते हैं। और यहां तक ​​कि घावों को भी भरते हैं , इसमें एंटीसेप्टिक गुण भी होते हैं ; इसलिए यह सेहत के लिए बहुत लाभदायक होता है।


गर्मी का मौसम आमतौर पर कीटों की भरमार रहती है। जिन घरों में गाय के गोबर की लिपि होती है उससे हानिकारक किट पतंगे दूर ही रहते है। 

ग्रामीण क्षेत्रों में लोग गाय के गोबर का उपयोग बिच्छू, कनखजूरे आदि कीड़ों को दूर भगाने के लिए करते हैं। ये छोटे कीट उन क्षेत्रों के पास आने की हिम्मत नहीं करते हैं जिन पर गोबर का लेप लगा होता है।

गाय का गोबर प्राकृतिक मच्छर प्रतिरोधी होता है 

यह अद्भुत सामग्री प्राकृतिक मच्छर भागने का काम भी करती है। जिन जगहों पर गाय के गोबर की परत चढ़ी होती है वहां मच्छर आते।

ईंधन का पवित्र विकल्प 

 गाय का गोबर भारत के कई हिस्सों में खाना पकाने के लिए बड़े पैमाने पर ईंधन के रूप में उपयोग किया जाता है।

 गांवों में महिलाएं गोजातीय प्रजातियों (गाय, बैल या भैंस) से निकलने वाले गोबर को इकट्ठा करती हैं। और घास को मिलाकर कंडे ( उपले , थपड़ी ) बनाती हैं।  

और सूखने के लिए ज्यादातर दीवारों पर या कभी-कभी जमीन पर भी चिपका दिया जाता है। जब ये सूख जाते हैं, तो उन्हें दीवारों से हटा दिया जाता है और बाद में खाना पकाने के लिए साल भर इस्तेमाल किया जाता है।

नई पीढ़ी को ये जानना बहुत जरूरी है की , हमारा सनातन धर्म प्राचीन काल से ही वैज्ञानिक रूप से कितना समृद्ध है ,इसलिए इन सवालों का जवाब विस्तार से बताया है ।

 गोबर से घर क्यों लीपा जाता है ? Why is cow dung put on walls ? घर की दीवारों पर गाय का गोबर क्यों लगाया जाता है , भारतीय अपने घर की दीवारों पर गाय का गोबर क्यों लगाते हैं ?


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गीता जी वेदांत


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