लक्ष्मी, गणेश तथा मां सरस्वती की पूजा एक साथ क्यों की जाती है ? Laxmi, Saraswati, and Ganesha

 धन-माया चाहिए लक्ष्मी जी को पूजिये , स्थाई धन-माया

चाहिए तो लक्ष्मी जी के साथ ,गणेश जी और सरस्वती

माता की पूजा कीजिए।


लक्ष्मी, गणेश तथा मां सरस्वती की पूजा एक साथ क्यों की जाती है ? Laxmi, Saraswati, and Ganesha

 

और ये है इस सवाल का उत्तर ,लक्ष्मी, गणेश तथा मां सरस्वती ( Laxmi, Saraswati, and Ganesha) की पूजा एक साथ क्यों की जाती है ?

आज के  भौतिक समय में लक्ष्मी जी  , सरस्वती जी  व गणेश जी  तीन गुणों की हमे जरूरत पड़ती है ।  इसलिए इन तीनो की पूजा एक साथ की जाती है। 

 क्योकि सिर्फ लक्ष्मी या सिर्फ सरस्वती या सिर्फ गणेश अकेले-अकेले संतुलन नहीं रख पाते।

 लक्ष्मी पर संतुलन के लिए सरस्वती की जरूरत है, लक्ष्मी व सरस्वती दोनों पर संतुलन के लिए गणेश की जरूरत है।  सरस्वती को भी लक्ष्मी व गणेश दोनों की जरुरत है।

1 - लक्ष्मी जी -अर्थात  - धन, संपत्ति आदि

2 - सरस्वती  जी -अर्थात - ज्ञान, साहित्य आदि

3 - गणेश  जी -अर्थात - व्यवस्था व संचालन आदि कार्य।

 इन्हें त्रिदेव के प्रतिनिधि भी कहा जा सकता है।  त्रिगुणी धन-माया का रूप भी कह सकते हैं। 

 माँ लक्ष्मी के साथ सरस्वती और गणपति जी की पूजा इसलिए भी की जाती है। क्योकि अगर हम लक्ष्मी को बुलाते हैं, उनका आह्वान करते हैं तो अकेले लक्ष्मी जी को न बुलाएं, सरस्वती यानि ज्ञान और गणपति यानि बुद्धि को भी बुलाएं |

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क्योकि धन आएगा तो उसे हम ज्ञान से संभालें और बुद्धि के उपयोग से उसे निवेश करें।  ऐसा करने से माँ लक्ष्मी का हमेशा के लिए घर में स्थान बना रहता है।

श्री गणेश जी , माता लक्ष्मी जी के 'दत्तक-पुत्र' माने जाते हैं । गणेश को पुत्र रूप में पाकर माता लक्ष्मी अतिप्रसन्न हुईं और उन्होंने गणेश जी को यह वरदान दिया, कि जो भी मेरी पूजा के साथ तुम्हारी पूजा नहीं करेगा।  मैं उसके पास नहीं रहूंगी। 

इसलिए सदैव लक्ष्मी जी के साथ उनके 'दत्तक-पुत्र' भगवान गणेश की पूजा की जाती है।

जैसा की सभी जानते हैं , श्री मां लक्ष्मी का नाम और धन-वैभव का द्योतक है।  धन और वैभव के साथ यश, कीर्ति और श्रेठता का परिचायक भी श्री लक्ष्मी माता जी को माना जाता है।

  धन, वैभव पाने के लिए श्रेष्ठ और उत्तम होना जरूरी है।  और श्रेष्ठ होने के लिए बुद्धि और ज्ञान होना जरूरी है।  यह बुद्धि के देवता श्री गणपति और ज्ञान की देवी मां सरस्वती के आशीर्वाद से ही संभव होता है।

 यही कारण है कि देवताओं के इस समूह को श्री लक्ष्मी कहा जाता है। और एक साथ सभी की पूजा की जाती है। 

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गीता जी वेदांत


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