ग्रहो से डरने की आवश्यकता नहीं। खासकर शनि देव से।
कंटक शनि क्या होता है ? what is shani dosha कंटक का मतलब मतलब काटा होता है , what is kantak shani, Shani Ki Saadhesaati कांटे की तरह चुभने वाला श्री शनि देव
कुछ रास्ते ऐसे होते , उन पर चलना भी जरुरी है और उन रास्तो पर चलने में हमें पीड़ा होती है। अगर आप के कर्म ठीक है तो आप को ग्रहो से डरने की आवश्यकता नहीं। खासकर शनि देव से।
श्री शनि देव का दोष
शनि देवता धीमी प्रवर्ती के देव है, इसी वजह से इसका असर भी लम्बे समय तक रहता है। श्री शनि दोष को सबसे ज्यादा कष्टदायक माना गया है। यदि शनि दोष हो तो जीवन में नाकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है। कार्यों में बाधा आती है , और जातक का स्वास्थ्य आपका साथ नहीं देता है।
शनि दोष व्यक्ति के कर्मों पर निर्भर करता है। श्री शनिदेव जी को न्याय का देवता कहा जाता है। शनिदेव व्यक्ति के बुरे कर्मों का दंड प्रदान करते है। जब व्यक्ति को शनिदोष लगता है , तो उसे अपने जीवन में कई तरहे के संघर्षों से जूझना पड़ता है।
आजीविका चलाने के लिए कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। जब व्यक्ति को समय-समय पर रोग घेरे रहें, आर्थिक संकट आ जाये, बुरी चीजों में लिप्त होने का मन करता है , तो समझिये ये सभी शनि दोष के लक्षण हैं।
शनि दोष के लक्षण (Shani Dosh Ke Lakshan)
1 - नास्तिक होना या भगवान का हर बात में मजाक बनाना
2 - जरूरत से ज्यादा आलसी और चालाक होना।
3 - समय से पहले आँखें कमजोर होना।
4 - चोरी करना, जुआ खेलना और सट्टे लगाना।
5 - कम उम्र में बाल झड़ना।
6 - अपने बड़े-बुजुर्गों का अपमान करना।
7 - लगातार सिर में दर्द रहना।
8 - कोई रास्ता नहीं सूझना मस्तिष्क में सदैव द्वन्द में रहना रहना।
श्री शनि दोष निवारण उपाय ( Shani Dosh Nivaran Upay )
शनि देव जी के दोष दोष से भयभीत न हो, उपाय करे - - -
शनि देव जी वह देवता है , जिनके नाम से देवता भी भयभीत हो जाते है। श्री शनि ग्रह की छवि हमारे ज्योतिष में एक न्यायप्रिय देवता की है जो न्याय में विश्वास रखते है।
ये अच्छे कर्मों का अच्छा और बुरे कर्मो का बुरा परिणाम देते है परन्तु कभी कभी अनजाने मे की हुई गलतियों से भी शनि देव रुष्ट हो जाते है जिसकी वजह से जीवन में तरह तरह के उतार चढाव का सामना करना पड़ता है।
कई बार यह आपकी कुंडली में शनि दोष बन के आता है और जीवन कठिनाइयों से भर जाता है इसलिए जरुरी है की शनि दोष का निवारण जल्द से जल्द किया जाये।
आज हम आपको इस लेख मे विस्तार से बताएँगे की शनि दोष क्या होता है और शनि दोष के लक्षण क्या है। साथ ही साथ हम शनि दोष के उपाय पर भी बात करेंगे।
शनि दोष का पता कैसे करें , How to Check Shani Dosh in Kundali?
शनि दोष की पहचान करना कोई कठिन कार्य नहीं है। बस इतना मालूम होना चाहिए की शनि का मेल अगर मेष राशि मे हो तो वो नीच माना जाता है | और इसी को हम शनि दोष कहते है।
कई बार देखने मे आया है की अगर शनि ग्रह शत्रु राशि का हो तो भी वो दोष की अवस्था मे आपकी कुंडली मे प्रवेश करता है। यदि शनि सूर्य ग्रह के साथ विराजमान हो और सूर्य अस्त ना हो रहा हो तो इसे भी शनि दोष का एक रूप माना जाता है।
धयान रहे की शनि दोष आपकी कुंडली मे तब भी लग सकता है जब वो चंद्र के साथ हो। ऐसा होने पर जातक को घोर कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। कुल मिलाकर यह सारी दशा शनि दोष का कारण बनती है।
शनि दोष निवारण , How to remove shani effect
शनि दोष निवारण कोई कठिन कार्य नहीं है , बल्कि आप अपने रोजमर्रा के जीवन मे अंतर लाके ही शनि की क्रूर दृष्टि से मुक्ति पा सकते है।
या शनि दोष के असर को कम कर सकते है। बस आपको नीचे दिए गए कुछ शनि दोष से बचने के उपाय को करना होगा।
हर शनिवार को करें यह शनि दोष उपाय
1 - शनिवार के दिन लाल कपड़े पहनने और हनुमान चालीसा का पाठ करने से भी शनि दोष के निवारण होते है।
2 - शनि चालीसा का पाठ करे और हाथ जोड़कर उनकी कृपा पाने की लिए प्रार्थना करें।
3 - स्नान करके मंदिर जाये और पश्चिम दिशा में सरसों के तेल का दिया जलाये।
4 - ध्यान रखे की शनिवार के दिन लोहे की बनी चीजों का त्याग करें और उन्हें ना खरीदे।
5 - याद रखे की शनिवार के दिन काली वस्तु का दान करें इस से शनिदेव प्रसन्न होते है।
6 - शनिवार को शनिवार के रत्न नीलम को धारण करें परंतु ध्यान रहे कि इस को धारण करने से पहले किसी ज्योतिषी से सलाह मशविरा अवश्य कर ले।
7 - अपनी की गयी गलतियों के लिए शनि देव से हाथ जोड़कर माफ़ी मांगे। कौए को भोजन करवाएं।
8 - पीपल के वृक्ष की उपासना करे व उसकी परिक्रमा लगाएं इस से शनिदेव शांत होते है।
9 - शनि दोष यदि कुंडली में बहुत नीच स्थान पर है तो इन शनि दोष का प्रतिदिन जाप करें।
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शनि दोष निवारण मंत्र , Shani Dosha Nivaran Mantra
7 शनिवार को शनि मंदिर में सरसों के तेल का दीपक जलाकर ,इस मंत्र की एम् माला जाप कीजिए ,सिद्ध उपाय है।
ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शन्योरभिस्त्रवन्तु न:।
ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:
मंत्र- ॐ ऐं ह्लीं श्रीशनैश्चराय नम:।
कोणस्थ पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यम:।
सौरि: शनैश्चरो मंद: पिप्पलादेन संस्तुत:।।
शनि दोष के उपाय , Shani Dosh Ke Upaay
शनि दोष को समाप्त करने का सबसे उत्तम उपाय है शनि यंत्र को घर में स्थापित करना या फिर शनि यन्त्र रूपी लॉकेट को धारण करना।
यदि आप किसी शनि दोष से पीड़ित है तो आपको Shani Yantra ( शनि यन्त्र ) का प्रयोग अवश्य करना चाहिए। यह शनिदेव को प्रसन्न करने का सबसे सरल और उत्तम माध्यम है।
1 - शनि दोष से बचने के लिए जातक अगर मंत्र का जाप पूरी श्रद्धा से करे तो शनि दोष का प्रकोप कुंडली में से बहुत हद तक कम किया जा सकता है इसके लिए शनि दोष मंत्र: का जाप करें।
2 - आप भगवान शंकर को प्रिय पंचाक्षर मंत्र ‘ॐ नमः शिवाय’ का जाप भी कर सकते है।
महामृत्युंजय मंत्र- ‘ॐ त्र्यंबकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्द्धनं उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
3 - ध्यान रखिये की पूजा करते समय आपको शनि मंत्र ‘ऊँ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:’ का जाप करें। यह मंत्र अपनी श्रद्धा के अनुसार 5,7, 11, 21 या 108 बार कर सकते हैं।
शनि दोष के अन्य उपाय - -
1 - नियमित शनिवार शनि देव जी के मंदिर में तेल का दीपक जलाना चाहिए ,और सरसों का तेल चढ़ाना चाहिए ।
2 - भोग में उड़द की खिचड़ी और मीठी पूरी चढ़ानी चाहिए।
3 - शमी के पेड़ की पूजा करने से शनि दोष की समाप्ति होती है।
4 - शनि महाराज को काली वस्तुएं जैसे काला वस्त्र, काला तिल अर्पित करें
5 - यदि संभव हो तो घर में शमी का वृक्ष अवश्य लगाएं।
6 - हर मंगलवार हनुमान चालीसा का पाठ करें।
क्या शनि दोष , साढ़ेसाती दूर करने के लिए , कंटक शनि दोष निवारण
और शनि देव को प्रसन्न कैसे करे ,इसकी कोई किताब / पुस्तक मिल
सकती है ?
गीता जी वेदांत - जी हाँ ,निम्नलिखित दोनों पुःतकें बहुत उपयोगी है। आपकी काफी मदद कर सकती है। जय श्री राधे
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आशा करते हैं , इस लेख से आपको पता चल गया होगा , कंटक शनि क्या होता है ? what is shani dosh ,what is kantak shani , Shani Ki Saadhesaati और इसका उपाय क्या है।
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