बुरी से बुरी नजर हो, किसी की बद्दुआ हो श्राप हो, हटाने का शक्तिशाली उपाय
इन सवालों का जवाब समय समय पर instagram पर भी देते रहते हैं ,क्या बद्दुआ लगती है ( evil eye ) ,क्या श्राप लगता है , बद्दुआ से बचने के उपाय ,श्राप से मुक्ति का मंत्र क्या है ,हाय से बचने के उपाय क्या है। बद्दुआ का असर ,क्या मां बाप की बद्दुआ लगती है ? बद्दुआ का अर्थ क्या है।
बद्दुआ क्यों लगती है ? बद्दुआ का अर्थ
किसी लाचार व्यक्ति को इतना सताया जाए कि वो अपने दिल की गहराई से बददुआएँ देने लगे , और उस समय कोई ब्रह्म मुहूर्त चल रहा हो तो बद्दुआ ,बिजली की तरह लगती है।
इसे ही दीन-हिन् , लाचार की "हाय" लगना कहा जाता है।
ये एक किस्म से अपने इष्ट देव से की हुई शिकायत है।
इस लेख में ,इन सवालों का जवाब विस्तार से दिया है ,ध्यान से पूरा पढ़ें।
दुर्बल को न सताइये जिनकी लम्बी हाय , मरे खाल के आह से लौह भस्म हो जाय ।
सभी के अंदर बहुत सी सोई हुई शक्तियां हैं , जो किसी विशेष मुहूर्त में जागती हैं। आशीर्वाद और शाप को दुआ एवं बद्दुआ भी कहते हैं।
यदि आपने किसी गरीब, भिखारी, अबला या बच्चे का दिल दुखाया है। तो उसके दिल से आपके लिए जो बद्दुआ निकलेगी , उससे आपको कोई नहीं बचा सकता। याद रखें कि एक अभिशाप 50 आशीर्वादों को नष्ट कर देता है।
कोई बद्दुआ दे तो क्या होता है?
दुआ असर करे ना करे लेकिन बददुआ कभी पीछा नहीं छोड़ती | व्यापर ,दुकान में घाटा ,इनकम बंद , बीमारी या मुकदद्मे का खर्चा आना |
अचानक कोई नुकसान होना , कर्जा होना , धीरे धीरे घरवाले और रिश्तेदार दूर हो जाते हैं ,अज्ञात भय सताने लगता है |
लालच करना चाहिए , जीने के लिए धन जरूरी है ,लेकिन किसी का दिल दुखा कर , बददुआ लेकर कमाया धन किसी काम का नहीं |
बददुआ मुक्त व्यक्ति कहीं भी जायेगा हरेक काम पॉजिटिव होगा | बददुआ युक्त व्यक्ति किसी काम के लिए जायेगा धक्के खा के वापिस आ जायेगा ,कभी कोई काम सिद्ध नहीं होगा |
बहुत से लोग अपने या दूसरों के बारे में बुरा सोचते हैं। गुस्सा आने पर कुछ लोग अपने घर के परिवार या दोस्तों के बारे में ग़लत बोलते रहते हैं। वो कभी कभी सच भी हो जाता है। ऐसे व्यक्ति अपना नुकसान भी कर लेते हैं।
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बद्दुआ लगी है इसकी पहचान कैसे करें
एक साबुत लाल मिर्च लीजिए ,उसे चूल्हे या गैस पर जलाइए ,यदि तीखी गंध घर में फैलती है , तो बद्दुआ नहीं लगी है। यदि कोई फर्क नहीं पड़ता किसी प्रकार की गंध नहीं फैलती इसका मतलब , बद्दुआ लगी हुई है।
क्या मां बाप की बद्दुआ लगती है ?
बिल्कुल नहीं मां बाप की बद्दुआ कभी लग ही नहीं सकती, क्योंकि दुआ या बद्दुआ तब अपना असर दिखाती है जब वह मन से ,दिल से दी जाती है |
और मां बाप वो इंसान होते हैं जो गुस्से में मुंह से भले ही कुछ भी कह जाए लेकिन दिल से बद्दुआ देना तो बहुत दूर की बात है दिल से बच्चों का बुरा हो ऐसा सोच भी नहीं सकते |
बद्दुआ से बचने के उपाय
1 - घर में कभी भी गलत मत बोलिए ---
अपने या दूसरों के बच्चों को ना कोसें गालियां भी नहीं देनी चाहिए । बच्चों को आज्ञा न मानने पर अक्सर माता-पिता बुरा भला कह देते हैं , या घर से चला जा, मर ही जाए , पैदा ना होता तो अच्छा था।
कई तरह की बातें लोग बच्चों को कहते रहते हैं और ऐसा बार बार कहते हैं । इन बातों से बच्चों के मन पर ठेस लगती है। उनके मन में ऐसी बातें घर कर जाती है और अंतत: वे उसी अनुसार जीने लगते हैं , जैसा कि आपने बद्दुआ / शाप दिया।
इसका प्रभाव यह होता है कि बच्चा खुद को अपराधी महसूस करता है। इससे धीरे धीरे सचमुच ही उसका पढ़ना, लिखना बंद होने लगता है। ऐसे बच्चे आत्महत्या भी कर सकते हैं या बड़े होकर अपने माता पिता से दूर चले जाते हैं।
2 - अपने बारे मे गलत सोचना भी बद्दुआ ही है।
किसी समस्या या बीमारी से दुखी व्यक्ति , समस्या के समाधान या रोग से मुक्ति के उपाय नहीं करते और इसके विपरित यह सोचते रहते हैं कि अच्छा है कि मुझे मौत आ जाए।
3 - कइयों के बारे में लोग कहते हैं , उसकी तो जुबान काली है
ऐसे लोगों की पहचान यह है कि , इनकी जुबान पर हमेशा बद्दुआ ही रहती है। फला फला व्यक्ति का कभी भला नहीं होगा, तड़फ-तड़फ कर मरेगा, कुत्ते की मौत मरेगा। वो जिंदगी में कुछ नहीं कर सकता। ऐसे लोगों की सोच नकारात्मक होती है।
ऐसे लोगों को ही 'काली जुबान' का कहा जाता है। ऐसे लोगों की पहचान करके उनसे जितनी जल्दी हो सके दूर चले जाएं या उनसे दोस्ती बंद कर दें। ऐसा व्यक्ति अपने घर के आस पास है , तो दूर से ही राम राम बोल दीजिए।
4 - श्राप या बद्दुआ से बचने के लिए हनुमान जी के सिंदूर का उपयोग करें
जैसा कि हम सब जानते हैं कि हनुमान जी का नाम लेते ही भूत पिशाच, तंत्र मंत्र, जादू टोना, श्राप, हाय या बद्दुआ तक नष्ट हो जाते हैं।
श्राप या बद्दुआ से बचने के लिए के लिए , इस उपाय को केवल मंगलवार या शनिवार के दिन ही करें। मंगलवार या शनिवार की शाम स्नान करके शुद्ध हो जाए और हनुमान जी के मंदिर जाएं और साथ में 5 पान के पत्ते और 5 लौंग भी लेकर जाएं।
हनुमान जी के मंदिर जाने के बाद पूरे भक्ति और श्रद्धा भाव से हनुमान जी की पूजा अर्चना करें और पांचों पान और लौंग को अपने सिर के ऊपर 7 बार घुमाकर , उन्हें हनुमान जी के चरणों में अर्पित कर दें , और हनुमान जी की भुजा का सिन्दूर अपने माथे पर लगाकर अपने घर वापस आ जाए।
सिद्ध उपाय है , दिल से कीजिए ,जल्दी लाभ प्राप्त होते हैं , और हर प्रकार की हाय या नकारात्मक ऊर्जा इस उपाय से नष्ट हो जाती हैं।
इस तरह मिलेगी बद्दुआ / श्राप से मुक्ति। श्राप से मुक्ति का मंत्र
आप किसी भी श्राप से मुक्ति पाने के लिए भगवान शिव को भक्ति के साथ याद करने के साथ-साथ इन उपायों से अपना जीवन खुशहाल बना सकते हैं।
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार , श्राप मुक्ति के लिए हर रोज सुबह ‘ऊँ गंगाधराय नमः’ मंत्र का 21 जाप करें। सूर्योदय के तुरंत बाद सूर्य देव को ‘ऊँ नमो भगवते रुद्राय’ का जाप करते हुए जल अर्पित कीजिए । सोमवार का शिव जी का व्रत रखें।
शिवजी को बेल पत्र व गाय का कच्चा दूध अर्पित करें और शिव चालीसा का पाठ करें। बरगद ,पीपल और नीम की त्रिवेणी लगाएं।
आशा करते इन सवालों का जवाब मिल गया होगा ,क्या बद्दुआ लगती है ( evil eye ) ,क्या श्राप लगता है , बद्दुआ से बचने के उपाय ,श्राप से मुक्ति का मंत्र क्या है ,हाय से बचने के उपाय क्या है। बद्दुआ का असर ,क्या मां बाप की बद्दुआ लगती है ? बद्दुआ का अर्थ क्या है।
कोई और सवाल है तो टिपण्णी कीजिए। जानकारी अच्छी लगी तो follow कीजिए। जय श्री राधे
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