ऐसे घरों में करते हैं भूत-प्रेत निवास, रखें कुछ बातों का ध्यान
जानिए , किन घरों में कभी भी भूत पिशाच नहीं आते ? the soul of a dead person
जी हाँ , भूत प्रेत होते है | जो नाम है , वो सब इस धरती पर मौजूद हैं। यदि आपका गण कमजोर है ,ये आपको तंग करेंगे ,आपका गण मजबूत है ,ये आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकते।
भूत प्रेत तो बड़े से बड़े पंडितों के घर में भी आ सकते हैं और तो और वे तो किसी धर्म स्थान में भी प्रवेश करके वंहा रह सकते हैं। ऐसा कुछ तय नहीं है , की वे कहाँ हो सकते हैं या कहाँ नहीं। ।
लोगों ने अपने पूर्वजो के रीती रिवाज छोड़ दिए। कुलदेवी और कुलदेवता की मान्यता , पूजा पाठ ,उनका मान सम्मान भी छोड़ दिया।
कुछ वर्षों तक अपनी कुल देवी या कुल देवता की पूजा नहीं करने से कोई ख़ास अंतर नजर नहीं आता।
लेकिन धीरे-धीरे जब कुल देवी या देवता का घर-परिवार पर से आशीर्वाद / उनका आध्यात्मिक सुरक्षा चक्र हटता है , तो परिवार में आकस्मिक दुर्घटनाएं, नकारात्मक ऊर्जा, बाहरी बाधाओं का बेरोक-टोक प्रवेश शुरू हो जाता है।
नकारात्मक का प्रवेश घर में हो जाता है ,साधारण भाषा में जिसको भूत प्रेत का साया कहा जाता है।
घर-परिवार की उन्नति रुकने लगती है ,हर एक काम में बाधा आने लगती है। संस्कारों का क्षय, बच्चों में नैतिक पतन, घर परिवार में कलह, अशांति का वास होने लगता है।
ग्रह-नशत्र का मेल अच्छा होते हुए भी परिवार का कल्याण नहीं होता ,कोई मंगल कार्य नहीं होता ।
लक्ष्मी माता का आशीर्वाद नहीं रहता , व्यापार में ,धन माया में बरकत नहीं होती। शादी विवाह में अड़चन आम बात है ।
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भूत प्रेत और कुछ नहीं एक किस्म की योनि है। मनुष्य प्रेत योनि को जाते हैं। प्रेत योनि कुछ वर्षों की होती है। उसके बाद कर्म अनुसार नया जीवन प्राप्त होता है।
अब आपके प्रश्न पर आता हूँ ज्ञात हो ये प्रेत योनि को प्राप्त हुई आत्माएं ही हम मनुष्यों से संपर्क करती हैं।
ज्यादातर तो घर के ही किसी व्यक्ति की आत्मा प्रेत बनकर घर के लोगों का मानसिक और आर्थिक स्वास्थ्य खराब करने का कारण होती है , जिसे सरल भाषा में हम पितृ दोष कहते है।
हर समय पूजा पाठ और ध्यान करने वाले व्यक्ति को ही ये बाधाएं परेशान करती हैं , क्यूंकि इस योनि में प्राप्त हुई आत्माएं अपनी इस योनि से मुक्ति के लिये स्वयम कुछ नहीं कर सकती |
तो एक पूजा पाठ करने वाले व्यक्ति के साथ रहकर उसके द्वारा किये जाप इत्यादि के फल को ग्रहण करके इनकी मुक्ति हो पाती है।
प्रेत बाधित कोई भी व्यक्ति या तो हमेशा जाप ध्यान में लगा रहता है , या फिर धर्म स्थानों के इर्द गिर्द घूमता है।
भूतों का मकसद कुछ और होता है , उनका मकसद मनुष्यों को नहीं बल्कि भटकती हुई आत्माओं को तंग करना होता है। वे मनुष्यों के संपर्क में केवल तभी आते हैं।
जब मनुष्यों पर उन्हें तंत्र से छोड़ा गया हो या फिर मनुष्य ही गलती से उनके स्थान पर चला गया हो।
यदि सही सही समझ्याएँ तो ,यदि आपके कर्म ठीक हैं , तो ये आपके जीवन में आ तो सकते हैं , परंतु हानि नहीं पहुंचा सकते, और यदि आपके कर्म ही गलत हों तो फिर इनकी मर्जी।
तो अपने कर्म सही रखिये सब कुछ सही होगा।
समझे कुछ ? किन घरों में कभी भी भूत पिशाच नहीं आते ? the soul of a dead person
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