रक्षा सूत्र कहलाता है कलावा , ऐसे बांधिये , त्रिदेव देंगे आशीर्वाद
आज विस्तार से बताएँगे , रक्षा सूत्र बांधते समय कौन से मंत्र का उच्चारण किया जाता हैं , scientific logic of wearing Kalava mauli raksha sutra , पूरा पढ़ें , जय श्री राधे
रक्षा सूत्र ,मौली , कलावा पर विशेष लेख
रक्षा सूत्र ,मौली , कलावा बांधना वैदिक परंपरा का हिस्सा है। यज्ञ के दौरान इसे बांधे जाने की परंपरा तो प्राचीन काल से ही है।
इसे रक्षाबंधन का भी प्रतीक माना जाता है।
देवी लक्ष्मी ने राजा बलि के हाथों में अपने पति की रक्षा के लिए यह बंधन बांधा था। मौली को हर हिन्दू बांधता है। इसे मूलत: रक्षा सूत्र भी कहते हैं।
कलावा बांध ने से आपको भगवान ब्रह्मा, विष्णु व महेश तथा तीनों देवियों- लक्ष्मी, पार्वतीव सरस्वती की कृपा प्राप्त होती है।
हिंदू धर्म में कोई भी काम बिना वैज्ञानिक दृष्टि से हो कर नहीं गुजरता। मौली का धागा कोई ऐसा वैसा नहीं होता। यह कच्चे सूत से तैयार किया जाता है। यह कई रंगों जैसे, लाल, पीला,सफेद या नारंगी रंगों में होती है।
मौली बांधे जाने की परंपरा के चिकित्सीय लाभ भी हैं। शरीर विज्ञान के अनुसार इससे त्रिदोष अर्थात वात, पित्त और कफ का संतुलन बना रहता है।
पुराने वैद्य और घर-परिवार के बुजुर्ग लोग हाथ, कमर, गले व पैर के अंगूठे में मौली का उपयोग करते थे, जो शरीर के लिए लाभकारी था।
डायबिटीज ,ब्लड प्रेशर कण्ट्रोल , हार्टअटैक, और लकवा जैसे रोगों से बचाव के लिए मौली बांधना हितकर बताया गया है।
धन के लिए कौन सा ग्रह जिम्मेदार है? astrology remedies for money
मौली , कलावा बांधते समय मंत्र का उच्चारण
पुरोहित / पंडित जी रक्षा सूत्र या कलावा बांधते समय एक मंत्र का उच्चारण करते हैं। उस मंत्र को बोलते-बोलते ही वह यह धागा हाथ पर बंधा जाता है।
इसी घटना का जिक्र ( राजा बलि को रक्षा सूत्र बांधने का ज़िक्र ) मंत्र के रूप में करते हैं। यह धागा व्यक्ति की कलाई पर बांध देने से उसकी रक्षा होती है।
यह मंत्र कुछ इस प्रकार होता है –
ॐयेन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबलः, तेन त्वां मनुबध्नामि, रक्षंमाचल माचल'
इसका अर्थ है – दानवों के महाबली राजा बलि को जिससे बांधा गया था , उसी से मैं तुम्हे बांधता हूं। हे रक्षे! तुम चलायमान न हो, तुम चलायमान न हो।
कलावा कब धारण करना चाहिए
हिंदी धर्म शास्त्रों के अनुसार पुरुषों एवं अविवाहित कन्याओं को दाएं हाथ में कलावा बांधना चाहिए। विवाहित स्त्रियों के लिए बाएं हाथ में कलावा बांधना चाहिए ।
कलावा बंधवाते समय जिस हाथ में कलावा बंधवा रहे हों उसकी मुठ्ठी बंधी होनी चाहिए और दूसरा हाथ सिर पर होना चाहिए।
पर्व त्योहार के अलावा किसी अन्य दिन कलावा बांध ने के लिए मंगलवार और शनिवार का दिन शुभ माना जाता।
रक्षा सूत्र ,मौली , कलावा बांधने का कारण
रक्षा सूत्र ,मौली , कलावा को धार्मिक आस्था का प्रतीक माना जाता है। किसी अच्छे कार्य की शुरुआत में संकल्प के लिए भी बांधते हैं। किसी देवी या देवता के मंदिर में मन्नत के लिए भी बांधते हैं।
किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत करते समय या नई वस्तु खरीदने पर हम उसे मौली बांधते हैं ताकि वह हमारे जीवन में शुभता प्रदान करे।
हिन्दू धर्म में प्रत्येक धार्मिक कर्म यानी पूजा-पाठ, उद्घाटन, यज्ञ, हवन, संस्कार आदि के पूर्व पुरोहितों द्वारा यजमान के दाएं हाथ में मौली बांधी जाती है।
इसके अलावा पालतू पशुओं में हमारे गाय, बैल और भैंस को भी गुड़ी पड़वा, गोवर्धन और होली के दिन मौली बांधी जाती है। ताकि हनारे जीवन में पालतू पशु शुब्ता दें।
मौली बांधने से तीनों देवियों- लक्ष्मी, पार्वती व सरस्वती की कृपा प्राप्त होती है। ब्रह्मा की कृपा से कीर्ति, विष्णु की कृपा से रक्षा तथा शिव की कृपा से दुर्गुणों का नाश होता है।
इसी प्रकार लक्ष्मी से धन, दुर्गा से शक्ति एवं सरस्वती की कृपा से बुद्धि प्राप्त होती है।
विद्वान लोग कहते हैं कि कमर पर बांधी गई मौली से सूक्ष्म शरीर स्थिर रहता है , और कोई दूसरी बुरी आत्मा आपके शरीर में प्रवेश नहीं कर सकती है।
इससे आप हमेशा बुरी दृष्टि से बचे रह सकते हैं। मौली को हाथ में बांधने से स्वास्थ्य में भी बरकत होती है।
आशा करते है ,आप समझ गए होंगे , रक्षा सूत्र बांधते समय कौन से मंत्र का उच्चारण किया जाता हैं , scientific logic of wearing Kalava mauli raksha sutra , कोई और प्रश्न हो तो टिपण्णी कीजिए , जय श्री राधे
किस्मत बदलती है ? क्या किस्मत बदल सकती है | can we change destiny
सभी प्रकार की ज्योतिषीय और आध्यात्मिक समस्याओं के लिए सम्पर्क करें
whatsapp 7206661495