वैदिक ज्योतिष में राहु का महत्व क्या है , rशनि ताउम्र परेशानी करता है ?emedies for bad rahu

 

नवग्रहों में राहु का काम किसी को भी रातों रात करोड़पति अथवा अरबपति बनाना है |

वैदिक ज्योतिष में राहु का महत्व क्या है , remedies for bad rahu

 

अक्सर लोग बहुत सारे इस प्रकार के सवाल पूछते हैं की ,शनि ताउम्र परेशानी करता है ?वैदिक ज्योतिष में राहु का महत्व क्या है , राहु को खुश करने के उपाय क्या हैं ? राहु दान सामग्री ,कुंडली में राहु दोष के उपाय क्या है ,राहु से आशीर्वाद कैसे प्राप्त करें ? राहु को प्रसन्न करने के लिए क्या करें ? राहू केतु को तुरंत शांत करने के लिए क्या करें ,इस लेख में सभी सवालों के जवाब विस्तार से देने की कोशिश की है। 

राहु नवग्रहों में यह अकेला ही ऐसा ग्रह है जो सबसे कम समय में किसी व्यक्ति को करोड़पति, अरबपति या फिर कंगाल भी बना सकता है तथा इसी लिए इस ग्रह को मायावी ग्रह के नाम से जाना जाता है।


यह एक ऐसा ग्रह है , जो जब बुरा या अनिष्ट करने पर आता है, तो समस्याओं का अंबार लगा देते हैं।  और जब धन देते हैं, तो छप्पर फाड़ के देते हैं। इतना कि उसको रखने की भी जगह नहीं मिलती।

 टैलीविज़न पर होने वाले किसी गेम शो , लाटरी के माध्यम से रातों रात कुछ लोगों को धनवान बना देने का काम भी इसी ग्रह का है |


 वैदिक ज्योतिष में राहु को मायावी ग्रह के नाम से भी जाना जाता है, तथा राहु मायावी विद्याओं तथा मायावी शक्तियों के ही कारक माने जाते हैं। 


 बिना सोचे समझे अचानक मुंह से निकल जाने वाली बात, क्षणों में ही भारी लाभ अथवा हानि देने वाले क्षेत्रों जैसे जुआ, लाटरी, घुड़दौड़ पर पैसा लगाना, इंटरनैट तथा इसके माध्यम से होने वाले व्यवसायों तथा ऐसे ही कई अन्य व्यवसायों तथा क्षेत्रों का कारक माना जाता है।


 राहु ग्रह के कमजोर होने से या किसी बुरे ग्रह के प्रभाव में होने से व्यक्ति को अपने जीवन में कई बार अचानक आने वाली समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

ऐसे व्यक्ति बहुत सा धन कमा लेने के बाद भी उसे संभल कर रखने में सक्षम नहीं हो पाते , क्योंकि उनका कमाया धन साथ के साथ ही साथ खर्च होता रहता है। 

एक बार सभी नवग्रह इन्द्र की सभा में एक विकराल समस्या लेकर पहुँचे कि हम सबमें बड़ा व शक्तिशाली कौन है ?


 सभी ग्रहों को एक साथ देखा तो घबरा गए; क्योंकि इन्द्र जानते थे कि सभी ग्रहों एक साथ एकत्रित होना बहुत ही अशुभ होता है।

 इन्द्र ने बड़े सम्मान पूर्वक सबको बैठने का स्थान दिया। जब सब ग्रह विभिन्न आसनों पर विराजमान हो गये |

तो इन्द्र ने सभी सातों ग्रहों और राहु केतु से निवेदन किया कि क्रमशः आप सभी अपना शुभ, अशुभ प्रभाव, शक्ति-पराक्रम, गरिमा का वर्णन करें, तब सभी ग्रहों ने अपनी-अपनी महिमा वर्णन किया। अब राहु की बारी आई।

सभी सातों ग्रहों की बातें सुनकर राहु और केतु कैसे शान्त रह सकते थे।  बलशाली दैत्य राहु ने उठकर और गरजते हुए कहा - मेरा नाम राहु है , और यह केतु मेरे शरीर का ही एक अंश है।

मैं सूर्य और चन्द्रमा को ग्रहण लगा सकता हूँ। जब ग्रहण लगाता हूँ,  पृथ्वी भी मेरे आतंक से भयभीत हो जाती है।

इस कलयुग में सबसे अधिक महत्त्व मेरा ही होगा। मैं कूटनीति, धूर्तनीति, राजनीति, गुप्तचरी, नवीन अनुसंधान, रहस्यमय कार्यों को संगरक्षण और महत्व देता हूँ।

मेरी शक्ति का अनुमान महादेव के अलावा बड़े से बड़ा ज्ञानी  महापुरुष, देवता या ज्योतिषी भी नहीं लगा पाते।

 पिछले जन्मों के पापों का हिसाब चुकता करने के पश्चात् ही कोई व्यक्ति मेरे शुभत्व से धीरे-धीरे आगे बढ़ता है और उच्च शिखर तक पहुँच जाता है। 

जो व्यक्ति अपने इष्ट देवों / कुलदेवी का मान सम्मान करता है , उसके तरक्की में हम बाधक नहीं बनते |

कुलदेवी की पूजा किस दिन करनी चाहिए ?

मेरे आशीर्वाद से ही जमीन से निकलने वाला कोयला, डीजल, पेट्रोल आदि प्राप्त कर नवीन तकनीकी शिक्षा से लोग भौतिक सुखों को प्राप्त कर सकेंगे।

मैं राहु कष्ट देकर जीवन-मरण का अनुभव कराता हूँ। मुझसे प्रभावित व्यक्ति यथार्थवादी और अनुभवों का भण्डार होता है।

हम दोनों को राहु-केतु , जिन्हें छाया ग्रह कहकर लोग टाल देते है। जिस पर भी हमारी छाया पड़ जाती है, हम उस व्यक्ति को शिखर से शून्य पर तथा शून्य से शिखर तक ले जाते हैं।

 ईमानदारी और समर्पण मेरी आदत है । क्रोधित होना मेरा स्वभाव है। कोई भी अन्य ग्रह मेरी महानता के बराबर नहीं है। मेरी प्रसन्नता से लोग सुख समृद्धि का जीवन व्यतीत करते हैं , और मेरा क्रोध व्यक्ति का जीवन पूरी तरह बर्बाद भी कर देता है।

जब किसी जन्मपत्रिका में अन्य सातों ग्रह को हम घेर लेते हैं, तो हम उसे कालसर्प दोष / योग  से पीड़ित कर देते हैं। 'काल-सर्प दोष/योग' वाले व्यक्ति को हम राजा से रंक एवं रंक से राजा बना देते हैं।

श्री गणेश जी हमारा मिश्रित रूप हैं। इसलिए हर शुभ मंगल कार्यों में हमारा सर्वप्रथम पूजन किया जाता हैं।

नए आविष्कार, नई भाषा का कारक मैं हूँ। अन्तरिक्ष ज्ञान, वेद-पुराणों के विश्लेषण, साहित्य तथा संस्कृत के कारक केतु हैं।

मेरी प्रवृत्ति ज्यादा खर्चीली है , तो केतु की बहुत ही कंजूस प्रवृत्ति का है।

देवों की सभा हमें महत्त्व मिले या ना मिले , परंतु हम दोनों स्वयं ही यह घोषणा करते हैं , कि हमारे से अधिक शक्तिशाली और महान् कोई भी ग्रह इस ब्रह्माण्ड में नहीं है।

सागर मंथन के बाद भगवान विष्णु ने हमारे साथ छल किया था , इसलिए इनके भक्तों को कभी समृद्ध नहीं होने दूंगा। ये हमेशा व्याधि बाधाओं से घिरे रहेंगे। केवल शिव भक्तों पर हमारी पूर्ण कृपा रहेगी। 

महाकाल की कृपा से हमारे लिए प्रतिदिन राहुकाल की गणना की। राहुकाल में जो भी व्यक्ति शिव पूजन या !!ॐ शंभूतेजसे नमः शिवाय!! जाप करेगा उसके सभी कष्ट हर लेता हूं।

हम मोक्षप्रदाता भी हैं । अपने साधक को कष्ट दे देकर शिव भक्ति से जोड़ देता हूं , और मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करता हूं।


कैसे करें राहु को मजबूत ,राहु को खुश करने के उपाय

 राहु ग्रह को बलवान करने के लिए ज्योतिष शास्त्र में कुछ सिद्ध और प्रभावशाली उपाय बताए गए हैं।  जिसके अनुसार राहु से प्रभावित व्यक्ति  को हमेशा एक चांदी का टुकड़ा अपने पास रखना चाहिए। ऐसा करने से राहु का शुभ असर होता है। 

राहु से आशीर्वाद कैसे प्राप्त करें ? कुंडली में राहु दोष के उपाय

 


नियमित सुबह कुत्ते को रोटी खिलाना शुभ होता है।  ऐसा करने से ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, राहु को शांत किया जा सकता है। राहु को प्रसन्न करने के लिए नियमित पूजा के बाद लाल चंदन का टीका लगाना बहुत शुभ होता है। 

इसके साथ ही पवित्र नदी गंगा मैया में स्नान करने से भी राहु की परेशानियों से छुटकारा पाया जा सकता है। 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु दोष को दूर करने के लिए घोड़े की नाल का , लोहे का छल्ला या कड़ा भी धारण कर सकते हैं।  यह भी एक अच्छा प्रभावशाली उपाय है। 

राहु दोष को शांत करने के लिए गरीबों की मदद कर सकते हो ,लोहे का बर्तन दे सकते हो।  जरुरतमंदों को अन्न दान देकर भी राहु के दुष्प्रभाव को दूर किया जा सकता है। इससे राहु शुभ फल देने लगता है , और साथ ही इसका जीवन पर सकारात्मक असर पड़ता है। 

आशा करते है की सभी सवालों ,शनि ताउम्र परेशानी करता है ?वैदिक ज्योतिष में राहु का महत्व क्या है , राहु को खुश करने के उपाय क्या हैं ? कुंडली में राहु दोष के उपाय क्या है ,राहु से आशीर्वाद कैसे प्राप्त करें ? राहु को प्रसन्न करने के लिए क्या करें ? राहु दान सामग्री ,राहू केतु को तुरंत शांत करने के लिए क्या करें , के जवाब मिल गए होंगे ,यदि कोई और सवाल हो तो टिपण्णी कीजिए । जानकारी अच्छी लगी तो फॉलो कीजिए।


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गीता जी वेदांत


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