बिना गुरु के साधना ,बिना गुरु के मंत्र कैसे सिद्ध करें mantra jaap

राजा की जिंदगी जीना है ? कुछ मंत्र हैं , जाप कीजिए

बिना गुरु के साधना ,बिना गुरु के मंत्र कैसे सिद्ध करें mantra jaap


कुछ प्रश्न हैं जो खटकते है , जैसे बिना गुरु के साधना , गुरु ना हो तो क्या करें ? मंत्र सिद्ध कैसे करते हैं? बिना गुरु के ध्यान कैसे करें ? किसी मंत्र को मन ही मन जाप करने से क्या होता है , बिना गुरु के मंत्र कैसे सिद्ध करें, किसी मंत्र के जाप करने से क्या होता है , अगर हम बिना गुरु के ध्यान कर के कुण्डलिनी जगाना चाहे तो कैसे करें? mantra jaap ,इस लेख में सबका जवाब देंगे , ध्यान से पढ़ें  

खास ध्यान दीजिए ,मंत्र जाप के नियम 


किसी भी मंत्र जाप के दौरान अपने कुलदेवी देवी या देवता की छवि रखें , जिनके मंत्र का आप जाप कर रहे हैं।  मंत्र जाप का स्‍थान न बदलें , वही रखिय। अपने नाखून से माला को मत कीजिए । 


सूर्योदय के तुरंत बाद जाप कीजिए , सुबह का समय उत्तम है। बिना स्‍नान किए मंत्र जाप न करें।  हमेशा साफ कपड़े पहनकर मंत्र जाप करें। वस्त्र नए न हों तो साफ़ जरूर हों।  

 

हमेशा आसन पर बैठकर करें , मंत्र जाप कभी भी जमीन पर बैठकर ना करें । जिस जगह पर बैठकर मंत्र जाप करना है , उस जगह को हमेशा साफ़ सुथरा रखें। जाप की जगह का माहौल शांत हो  जाप में विघ्न ना हो। 


हमेशा आरामदायक बैठ कर जाप करें। साधारण रूप से जाप करने के लिए पांच मुखी रुद्राक्ष की माला सही है। मंत्र जाप करो ,तो सबसे जरूरी बात 


जिस भी मंत्र का जाप करें, उसमें मंत्र में आपकी कुलदेवी ,या आपके इष्ट देव ,या आपके पितृ देव का नाम होना चाहिए।  रोजाना उसका कम से कम 108 बार ( यानि एक माला ) जाप अवश्‍य करें। मंत्र जाप की गिनती ,मंत्र का प्रभाव मजबूत करती है। 


जय श्री राधे ,भगवान के नाम का जाप बिना किसी गुरु के भी किया जा सकता है , और बहुत से लोग करते हैं। प्रतिदिन एक माला का जाप, अथवा एक माला से कम जाप किसी भी मंत्र का किया जा सकता है। 


गुरु की आवश्यकता नहीं होती है। परंतु उच्चारण सही होना चाहिए ,और शारीरिक शुध्दता भी जरूरी है। जैसे जैसे मंत्र जाप की गिनती बढ़ती है ,मंत्र जाप अपना असर जरूर दिखता है।


जैसे  गायत्री मंत्र:- ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।


 भगवान के किसी भी नाम का जाप . राम,कृष्ण, हरि,शिव ,अम्बा ,दुर्गा,इत्यादि बिना गुरु के भी कर सकते हैं। और यह अन्य मंत्रो की तरह ही सब लाभ देंगे।


इसके लिए आपको किसी मंत्र-तंत्र ग्रंथ को पढ़ना नही है। नहीं तो आप  भ्रमित और परेशान हो जाएगे।


इसके लिए किसी जटील विधि विधान की आवश्यकता नही है। ना विशेष आसन या माला की आवश्यकता है। बिना गिनती किये नियमित रूप से आप रोज एक निश्चित समय पर बिना किसी व्यवधान के कम से कम 15  से 20 मिनट तक बैठकर जाप कीजिए। 


 मंत्र जाप से आपको कोई अलौकिक शक्ति या चमत्कार नही मिलेगा। आपको अपनी एकाग्रता और मानसिक शांती बढ़ाने मे मदद मिलेगी।


पढाई में एकाग्रता आएगी ,बिज़नेस के नए आइडिया दिमाग में आएंगे ,आपकी कार्य क्षमता बढ़ेगी। 


कुछ जटिल शाबर मंत्र है जो गुरु की देखरेख में करना चाहिए क्योंकि इस प्रकार के मंत्र जप में उच्चारण का बड़ा महत्व है। यदि साधक इसका उच्चारण सही नहीं करता है तो ,इनका परिणाम अच्छा नहीं होता।


ऋषि महर्षि यहाँ तक कहना कि यह स्वयं साधक के सर्वनाश का कारण बन सकता है। इसलिए ध्यान दीजिए , किसी भी क्रिया ,अनुष्ठान अथवा हवन ,जाप इत्यादि करने से पहले सिद्ध गुरु की शरण में अवश्य जाएं या किसी जानकार विद्वान से करवाएं।


बिना गुरु के साधना


यदि किसी कारण वश घर ग्रहस्ती की उलझनों के कारण  गुरु बना नही पाते या गुरु प्राप्त नही होते । इसके लिये एक सहज उपाय है कि आप अपने जिस देवि या देवता को इष्ट मानते हैं उसे ही गुरु मानकर उसका मन्त्र जाप प्रारंभ कर दें ।


उदाहरण के लिये यदि गणपति आपके ईष्ट हैं तो आप उन्हे गुरु मानकर " ऊं गं गणपतये नमः " मन्त्र का जाप करना प्रारम्भ कर लें ।


कलियुग में समय के अभाव , भाग दौड़ भरी जिंदगी के कारण सभी पंचाक्षर मंत्र को उत्तम माना जाता है।


जैसे  - जय श्री राधे ,जय श्रीराम, ॐ नमः शिवाय, जय श्री कृष्ण, जय श्री गणेश, जय माँ लक्ष्मी, जय माँ सरस्वती, जय माँ दुर्गे ।  जितना भी संभव हो इन मंत्रो का मनम करना चाहिए।


कुछ प्रश्न हैं जो पूछते रहते है , जैसे बिना गुरु के साधना , गुरु ना हो तो क्या करें ? मंत्र सिद्ध कैसे करते हैं ? बिना गुरु के ध्यान कैसे करें , किसी मंत्र को मन ही मन जाप करने से क्या होता है ?अगर हम बिना गुरु के ध्यान कर के कुण्डलिनी जगाना चाहे तो कैसे करें? बिना गुरु के मंत्र कैसे सिद्ध करें , किसी मंत्र के जाप करने से क्या होता है,  mantra जाप, कोई और प्रश्नं हो तो मैसेज कीजिए। 


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