सवामणी , हनुमान जी को प्रसन्न करने और कृपा पाने का सबसे उत्तम उपाय है। ये कर दिया तो जिंदगी में मौज करोगे |
लोगों के मन में बहुत सारे प्रश्न है , सवामणी किसे कहते हैं ? हनुमान जी की सवामणी क्या होती है , सवामणी का अर्थ क्या है ? hanuman ji ki sawamani kaise lagate hain , hanuman ji ki sawamani kya hoti hai , sawamani prasad। इस लेख में ,आज इनका विस्तार से जवाब दिया है। जय श्री राम
सवामणी क्या होती है , सवामणी, कौन लगाता है ?
किसी मनोकामना या मन्नत मांगते समय बोला गया प्रशाद सवामणी कहलाती है। जैसे - हे हनुमान जी मेरा ये काम अटका हुआ है , या यदि मेरा ये काम बन जाय तो आपकी सवामणी लगाऊंगा।
जब आपका काम बन जाय ,या आपकी मांगी हुई मन्नत पूरी हो जाय तब अच्छा दिन वार देखकर ,सवामणी लगा दीजिए।
सवामणी कब लगाना चाहिए –
वैसे तो कभी भी लगायी जा सकती है। मंगलवार और शनिवार भी सही है। मंगलवार इस लिए की , मंगलवार की दिन ही हनुमान जी का जन्म हुआ था |
शनिवार को इसलिए कि शनिदेव ने हनुमान जी को वरदान दिया था , कि शनिवार के दिन मेरे साथ तुम्हारी भी पूजा होग। किसी त्योहार या किसी शुभ दिन पर भी लगाई जा सकती है।
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सवामणी में क्या प्रशाद होता है —
सवामणी के प्रशाद में आमतौर पर बेसन की बूंदी के लड्डू होते हैं। कोई भी हलवाई बना देता है। अपनी सहूलियत के हिसाब से कुछ लोग हलवा और पूरी का प्रशाद बनवा लेते हैं।
सवामणी का प्रशाद तैयार कैसे करवाएं –
लड्डू बनवाने के लिए 50 किलो सामग्री , बेसन ,घी और चीनी हलवाई को देनी होती है। सामग्री खुद खरीद कर भी दे सकते हो। इसमें हलवाई का खर्चा भी देना होता है।
या फिर हम कैसे बनवाते है ,उस तरीके से बनवा लीजिए।
हम साल में दो बार देसी घी की सवामणी लगाते हैं। ये 13000 /- रूपए में तैयार हो जाती है। सारी सामग्री हलवाई खुद लगाता है। हलवाई खुद पैक कर के देता है ,इसमें कोई और खर्चा शामिल नहीं है।
सवामणी का भुगतान कैसे करें –
किसी ब्रहामण द्वारा विधिवत हनुमान जी के मंदिर में पूजा पाठ ,करके बाला जी को सवामणी में भोग लगाकर ,बाकि प्रशाद बाँटना होता है । पूजा के बाद ब्रहामण को भी भोजन करवाकर श्रद्धापूर्वक दान दक्षिणा जरुर दे देवें।
मंदिर के घूमनें वाले गरीबों, भिखारियों या सन्तों को भी सवामणी का प्रसाद दे सकते हैं। या फिर चार चार लड्डू लिफाफे में पैक करके आस पड़ोस में भी बाँट सकते हैं।
जहाँ हनुमान जी की सेना का वास होता है ,बंदर और लंगूर पाए जाते है। उनको भी खिलाया जा सकता है।
इसके बाद में आप सवामणी का प्रसाद ग्रहण करें, प्रसाद को जमीन ना गिराएं और इसका सम्मान करें। सारा प्रशाद बाँटना होता है।
सवामणी क्या होती है ,क्यों लगाई जाती है। सूंदर प्रश्न है , सवामणी का एक मतलब लोगों का आशीर्वाद लेना या लोगों की दुआएं बटोरना भी है।
आशा है सभी प्रश्नों के उत्तर मिल गए होंगे , सवामणी किसे कहते हैं ? हनुमान जी की सवामणी क्या होती है , सवामणी का अर्थ क्या है ? hanuman ji ki sawamani kaise lagate hain , hanuman ji ki sawamani kya hoti hai , sawamani prasad। कोई और प्रश्न हो तो टिपण्णी कीजिए । जय श्री राम
हनुमान जी की प्रार्थना का सर्वश्रेठ तरीका , bala ji maharaj
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