आजकल परिवार टूटने का कारण क्या है , बिखरने
का क्या कारण है ,जबकि संयुक्त परिवार सबकी
सुरक्षा की गारंटी था ,कोई चिंता नहीं थी ,टेंशन फ्री
जीना है | joint faimly
आजकल यह समस्या बहुत ही ज्यादा है । संयुक्त परिवार में जीवन जीने का आनंद क्या होता है ये लोग भूल चुके हैं । सोशल मीडिया पर हजारों मित्र हैं , लेकिन जहाँ मित्रता होनी चाहिए वहां नहीं है।
पता करें तो घर के सदस्यों की आपस में ही बातचीत बंद हुए कितने दिन हो गए ?
पहले घर का कोई सदस्य अलग होता था तो कहते थे कि बेटा अलग हुआ है ,तो लोग सोचते थे ,इस परिवार में सबकुछ सही नहीं है ।
अब कोई साथ रहते हैं , तो -अच्छा सब साथ हो ? जैसे कोई अपराध है ।
हमारी लड़की दुखी रहेगी , बहुत काम करना पड़ेगा |इस कारण, संयुक्त परिवार में कोई जल्दी से अपनी लड़की देना नहीं चाहता । जबकि वो सुखी वही रहेगी ,काम ज्यादा है तो करने वाले भी ज्यादा हैं । पहले लोग हर स्थिति में , संयुक्त परिवार को सही मानते थे।
कुनबा , परिवार टूटने का कारण क्या है ?
एक कारण तो यह है कि सबके अन्दर के ‘अहं भाव’ ज्यादा हो गया , आपसी प्रेम प्यार काम हो गया , हमको पता ही नहीं सोशल मिडिया पर ये कौन है ,उसको हम परिवार से ज्यादा मान लेते हैं । जहाँ आपसी प्रेम प्यार का अभाव होगा वहाँ आपस में रह पाना मुश्किल है।
संयुक्त परिवार में गलती कर दी ,माफ़ी मांग लो। माफ़ कर दिए जाओगे | सोशल मीडिया पर लोग ब्लॉक कर देंगे।
आध्यात्मिकता और धार्मिक रीती रिवाज भी परिवार जोड़ने का काम करते थे। प्राचीन समय से ही हमारे पूर्वज अपनी कुलदेवी / कुलदेवता ( कुल के जनक ) की पूजा करते आए हैं , ताकि उनके घर-परिवार और कुल का कल्याण होता रहे।
यहाँ पढ़ें - कुलदेवी कौन होती है , who is my kuldevi
घर की बुजुर्ग औरतों को पता होता था की हमारे कुल देवी या देवता कौन हैं ,उनकी पूजा पाठ के नियम क्या हैं ,उनको प्रसन्न कैसे किया जाता है , किस दिन उनकी पूजा की जाती है। यही इष्ट देव आध्यात्मिक और पारलौकिक शक्ति से कुलों की रक्षा करते हैं। जिससे नकारात्मक शक्तियों और ऊर्जाओं का खात्मा होता है।
कुल देवी या देवता को छोड़ने से कुछ वर्षों तक तो कोई ख़ास अंतर नजर नहीं आता। लेकिन धीरे-धीरे जब कुल देवी या देवता का घर-परिवार पर से आशीर्वाद या सुरक्षा चक्र हटता है , तो परिवार में अचानक दुर्घटनाएं, नकारात्मक ऊर्जा का बेरोक-टोक घर में प्रवेश शुरू हो जाता है।
घर-परिवार की उन्नति रुक जाती है। नैतिक पतन, गृह कलेश होने लगता है। व्यापार में ,धन माया में बरकत नहीं होती ,कर्जा हो जाता है । शादी विवाह में अड़चन ,हो भी जाय तो वैवाहिक जीवन अच्छा नहीं रहता ,तलाक आम बात है।
कुलदेवी का क्या महत्व है Why do people do Kuldevta/Kuldevi pooja?
स्वार्थ मुख्य कारण है , लोग अपने मतलब से देखने लगे। स्वार्थ हावी हो है, जहाँ स्वार्थ वहां प्यार गायब। व्यक्ति जब केवल अपने बारे सोचता है, तो पुरे परिवार को नजरअंदाज करता है। घर-परिवार में सब को साथ लेकर चलना होता है।
पहले जमाने में उदारता होती थी, छोटी-मोटी बातों को टाल दिया करते थे ,और अपने से ज़्यादा परिवार का ख्याल करते थे। पहले तो बच्चे कम से कम माँ-बाप के प्रति ध्यान रखते थे, अब माँ-बाप को भी वृद्धाश्रम में भेजने लगे है। परिवार टूटने का इससे बड़ा कारण क्या हो सकता है।
सहनशीलता नहीं रही ,जल्दी धन चाहिए । जरूरी है,सहन करना चाहिए, पेशेंस ,सब्र होना चाहिए , लेकिन अब वह बात नहीं है, कोई किसी की बात को हजम करने ताकत नहीं रखता, सबका हाजमा कमजोर हो गया।
पुराने जमाने में बड़ी-बड़ी बातों को भी लोग बहुत आसानी से पेट में रख लेते थे, अब बात हजम नहीं होती ,वहीँ कहानी ख़राब होती है । बात-बात में उल्हना / प्रतिकिर्या देने लगते हैं तो इस प्रकार परिवार इकठ्ठे नहीं रह पाते।
सब स्वतंत्रता को प्रमुखता देने लगे है , सुरक्षा को प्राथमिकता नहीं देते। हाँ ,यदि तुम्हें सुरक्षा चाहिए तो संयुक्त परिवार में रहो, एकल परिवार में आजादी मिलेगी, सुरक्षा नहीं मिलेगी। भारत की मूल संस्कृति शानदार है ,संयुक्त परिवार वैज्ञानिक रूप से हमारी जरूरत हैं ,इसलिए ही बनाय गए हैं ताकि जीवन को बेहतर बनाया जा सके।
1- आपको संयुक्त परिवार में मिलता है ढेर सारा प्यार
ये प्यार आपको अपने पुरे परिवार ,यानि दादा दादी, चाची और चाचा, सब भाई बहनों और मां-बाप से मिलता है। संयुक्त परिवार में रहने वाले बच्चे बड़े होकर ज्यादा कार्यकुशल और समझदार बनते हैं। संयुक्त परिवार का सबसे बड़ा फायदा है।
2- मौज कीजिए परिवार के साथ , मिलता है पूरा समय
मानसिक डिप्रेशन और काम का दबाव हैं? दोनों ही समस्याओं का इलाज संयुक्त परिवार। संयुक्त परिवार है तो पिकनिक या सैर सपाटे के लिए निकल जाईये ,इससे काम के दबाव या डिप्रेशन से आपको काफी हद तक छुटकारा मिलता है। संयुक्त परिवार में आपको घूमने फिरने का मौका मिलता है।
3 -इकट्ठा परिवार मतलब जिम्मेदारियों का अहसास
सभी काम खुद से पूरा कर पाना मुश्किल होता है। जब आप किसी संयुक्त परिवार में रहते हैं तो इसका मतलब team work आपके अंदर कार्य को सामूहिक रूप से करने की भावना का विकास होता है।
4-आर्थिक मदद , जी हाँ संयुक्त परिवार में मिलती है
संयुक्त परिवार में आर्थिक समस्याओं का आसानी से सामना किया जा सकता है। परिवार में सबको साथ लेकर चलते हैं। संयुक्त परिवार में आर्थिक बोझ को एक दूसरे में बांट दिया जाता है। इसकी वजह से आपको मानसिक रूप से दबना नहीं पड़ता। संयुक्त परिवार की यही खूबी है।
5-बड़े-बड़ों और बुजुर्गों का मिलता है अनुभव
जो कोई यूनिवर्सिटी नहीं दे सकती , संयुक्त परिवार में उनके बुजर्गों का अनुभव मिलता है। संयुक्त परिवार में ज्यादातर दादा दादी अपने बच्चों और नाती पोतों को जीवन के कई अनुभवों से रूबरू कराते हैं। इससे पहले ही आपके बच्चे इन समस्याओं या स्थितियों के लिए तैयार रहते हैं।
6-मुश्किल समय में सहायता के लिए हाथ फैलाना नहीं पड़ता
सही या गलत समय बताकर नहीं आता और उस समय सिर्फ अपने ही काम आते हैं। लेकिन आप अपनों से दूर हों, तो फिर आपको और आपके परिवार परेशानी हो सकती है।
अगर आपके छोटे बच्चे हैं और आपको बाहर जाना है, ऐसे में आपको अपने बच्चों को किसी अपने के पास छोड़ने की जरूरत होती है ,संयुक्त परिवार है तो आपको चिंता की कोई जरूरत नहीं ।
लेकिन आप अपनों से दूर हैं, तो फिर आपकी चिंता दोगुनी हो सकती है। संयुक्त परिवार है ,तो हर दिन त्योहार है
7-असली मजा तो सबके साथ आता है
ये सुना है कभी । सही बात है , यदि आप अपने पुरे परिवार के साथ होते हैं, तो सारे दिन त्योहार जैसे लगते है। शानदार रौनक, बच्चों का शोरगुल, पारिवारिक गर्मजोशी और प्यार।
पूरा परिवार चाचा-चाची, दादा-दादी, ताऊ-ताई ये ऐसे रिश्ते हैं, जो संयुकीह परिवार में प्यार और अपनेपन को समेटें होते हैं ,बिना किसी स्वर्थ के ।
आपको ऐसे उदाहरण ढूंढने में ज्यादा मुश्किलें नहीं होंगी। जहां बच्चे अपने माता-पिता के साथ ही अपने चाचा-चाची या ताऊ-ताई से भी भावनात्मक रूप से काफी जुड़े होते हैं।
लेकिन सबने ये सब छोड़ दिया ,और पूछा जाता है ,परिवार टूटने का कारण क्या है , बिखरने का क्या कारण है ,भाई परिवार तो आपको बचाना है।
संयुक्त परिवार आकर में बड़ा होने के कारण समझाने वाले भी ज्यादा होते हैं ,इस कारण परिवार टूटने या परिवार बिखरने की नौबत नहीं आती । दूसरे परिवारों की तुलना मे संयुक्त परिवार अधिक स्थाई होता है।
परिवार के सदस्यों को फलने फूलने और तरक्की का मौका ज्यादा मिलता है। संयुक्त परिवार ( joint faimly ) के सदस्य ज्यादा सामाजिक होते हैं और सम्मान की दृष्टि से देखे जाते हैं।
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