भोले बाबा भगवान शिवजी के 6 मंत्र जो आपकी सभी समस्याओं का निवारण कर सकते हैं | om namah shivay
हम शिव का जप क्यों करते हैं ? ॐ नमः शिवाय एवं नमः शिवाय मंत्रों में क्या कोई अंतर है ? ओम नमः शिवाय में कितनी शक्ति है? हम "ओम नमः शिवाय" मंत्र कैसे सिद्ध कर सकते हैं?
ओम नमः शिवाय का जाप कब करना चाहिए मंत्र ओम नमः शिवाय का अर्थ क्या है?
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हिन्दू धर्म में भगवान शिव को पृथ्वी संगरक्षण या संहार के देवता के रूप में जाना जाता है।
दया का प्रतीक भी कहा जाता है। पूरी पृथ्वी पर अलग अलग तरीकों से शिवजी की प्रार्थना करते हैं,
और महादेव आसानी से प्रसन्न हो जाते हैं । पूजा में शिव मंत्रों का जाप शामिल है। इन मंत्रों से अज्ञात शत्रु आपका कुछ नुकसान नहीं कर पाते । इन मन्त्रों से हमें रोग, भय आदि से बचाव मिलता है ।
इन मंत्रों से व्यक्ति को सफलता और सिद्धियां प्राप्त होती हैं। ये मंत्र लोगों को किसी भी लड़ाई को लड़ने के लिए अंदर से मजबूत बनाते हैं। वे शरीर को किसी भी प्रकार की नकारात्मकता से मुक्त करने में मदद करते हैं । ये मंत्र विशेष रूप से भगवान शिव को समर्पित हैं।
निम्नलिखित 6 भगवान शिव मंत्र हैं जो अत्यंत शक्तिशाली हैं और आपके जीवन की सभी समस्याओं को समाप्त कर देंगे।
1 - हम शिव का जप क्यों करते हैं ? 'ॐ नमः शिवाय'
ॐ नमः शिवाय बुनियादी शिव मंत्र है , जिसका अर्थ है 'मैं भगवान शिव को नमन करता हूं' ।
यह भगवान शिव को समर्पित है और अगर हर दिन 108 ( एक माला रुद्राक्ष ) का जप किया जाए, तो यह मंत्र आपको अपने शरीर को शुद्ध करने में मदद करेगा , और भगवान शिव की आप पर कृपा बनी रहेगी।
ॐ नमः शिवाय एवं नमः शिवाय मंत्रों में क्या कोई अंतर है?
कोई अंतर नहीं है दोनों में । पहले में ॐ लगा हुआ है बस इतना ही अंतर है । दोनों का अर्थ शिव को नमन करना है ।
2 - ओम नमः शिवाय में कितनी शक्ति है ? रुद्र मंत्र- 'ओम नमो भगवते रुद्राय'
यह मंत्र भगवान शिव के आशीर्वाद के साथ-साथ आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी करता है। इस मंत्र का नियमित जप रंक से राजा बना देता है। ये मंत्र बहुत शक्तिशाली और सिद्ध है।
हम "ओम नमः शिवाय" मंत्र कैसे सिद्ध कर सकते हैं?
शिवजी के मंत्र का जाप और पूजा आप दिन में कभी भी कर सकते है। जाप की कोई संख्या निर्धारित नही है। आप ओम नमः शिवाय का जाप ,अगर आपकी कोई मनोकामना , कार्य सिद्धि है , तो आप 41 दिन हर रोज 108 बार कीजिए।
इन 41 दिनों तक आपको प्याज लहसुन से दूर शुद्ध शाकाहारी जीवन जीना होगा। स्त्री से भी दूर रहना होगा।
ओम नमः शिवाय का जाप कब करना चाहिए
इस मंत्र का जप शिव मंदिर, घर में शांत व एकांत जगह में बैठकर करना चाहिए ।ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप कम से कम 108 बार हर दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त मेंरुद्राक्ष की माला से करना चाहिए,रुद्राक्ष भगवान शिव को अति प्रिय है।
पवित्र नदी के किनारे नदी की गीली मिटटी से शिवलिंग की स्थापना और पूजन के बाद जप करेंगे तो उसका फल सबसे उत्तम प्राप्त होगा। इसके धार्मिक लाभ के अलावा ‘ॐ नम: शिवाय’ मंत्र स्वास्थ्य लाभ भी देता है। जप हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके करना चाहिए।
3 - भोले बाबा का गायत्री मंत्र- 'ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात'
यह शिव गायत्री मंत्र अत्यंत शक्तिशाली है, यह आपको मन की शांति देता है | और इससे भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। भोले बाबा प्रसन्न हो तो ,कुल देवी और पितृ देव भी आपका साथ देते हैं।
और कुलदेवी का आशीर्वाद हो तो वैवाहिक जीवन सफल और सुखी रहता है,कोई हारी बीमारी नहीं होती ,दुकान व्यापार सही चलता है, घर के सभीसदस्य व्यापार ,नौकरी ,पढाई में उन्नति करते हैं ,ग्रह कलेश नहीं होता । फालतू के खर्चे और कर्जा नहीं होता।
यहाँ पढ़ें - कुलदेवी की पूजा क्यों जरूरी है , कुलदेवी पूजा मंत्र क्या है ,कुलदेवी का महत्व क्या है।
मंत्र ओम नमः शिवाय का अर्थ क्या है?
ऊंं- मैं आत्मा। नम — नमस्कार। शिवाय्- शिव परमात्मा।
ऊॅं नम: शिवाय्- मैं आत्मा शिव परमात्मा को नमस्कार करता हूं।
खुद को आत्मा समझकर परमात्मा को वंदन करना यही इसका सही अर्थ है।
4 - शिव जी का ध्यान मंत्र - 'करचरणकृतं वा कायजम कर्मजं वा
श्रवणयंजम वा मानसम व परधम इ विहितं विहितं वा सर्व मेत क्षमास्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शंभो II'
यह एक बहुत प्रभावशाली और सिद्ध मंत्र है , जो आपको अपने जीवन के दौरान किए गए किसी भी पाप के लिए भगवान शिव से क्षमा मांगने में मदद करता है। ये सभी पापों का समाधान है।
5 - महा काल का महा मृत्युंजय मंत्र - ॐ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टि वर्धनम I उर्वारुकमिव बन्धनाथ मृत्योर्मुखीय मामृतात् II
यह बहुत शक्तिशाली मंत्र है जो मृत्यु के भय से बचाता है। भगवान शिव को मृत्यु और विनाश के देवता के है, इसलिए केवल वे ही हमें मृत्यु से बचा सकते हैं। मरणासन्न लोगों के परिवार के सदस्य शीघ्र स्वस्थ होने के लिए इस विशेष मंत्र का जाप करते हैं। ये सिद्ध मंत्र है।
6 - भगवन शिव का एकादश रुद्र मंत्र
ये मंत्र ग्यारह विभिन्न मंत्रों का एक समूह है। महा शिवरात्रि या महा रुद्र यज्ञ के दौरान सभी ग्यारह मंत्रों का जाप लोगों के लिए बहुत फायदेमंद होता है । किसी भी शिवरात्रि के दौरान अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए सभी ग्यारह मंत्रों का पाठ कर सकते है।
1 - कपाली
‘‘ओम हुमूम सतत्रम्भान्य हूम हूम ओम फट’’
2 - पिंगला
‘‘ओम श्रीं ह्रीं श्रीं सर्व मंगलाय पिंगलाय ओम नमः’’
3 - भीम
‘‘ओम् ऐं ऐं मनो वन्चिता सिद्धाय ऐं ऐं ओम’’
4 - विरुपक्ष
‘‘ओम रुद्राय रोगनाश्य अगच्छ च राम ओम नमः’’
5 - विलोहिता
‘‘ओम श्रीं ह्रीं सं सं ह्रीं श्रीं शंकरशनाय ओम’’
6 - शस्ता
‘‘ओम ह्रीं ह्रीं सफलायै सिद्धाये ओम नमः’’
7 - अजपाड़ा
‘‘ओम् श्रीं बं सौ बलवर्धान्य बालेश्वराय रुद्राय फट् ओम’’
8 - अहिरभुदन्य
‘‘ओम् ह्रां ह्रीं हं समस्थ ग्रह दोष विनाशाय ओम’’
9 - संभु
‘‘ओम गं ह्लौं श्रौं ग्लौं गं ओम नमः’’
10 - चंदा
‘‘ओम चुं चंडिश्वराय तेजस्य चुं ओम फट्’’
11 - भव
‘‘ओम भवोद भव संभव्या ईष्ट दर्शन ओम सं ओम नमः’’
आशा करते है निम्न लिखित सभी सवालों के जवाब मिल गए होंगे। हम शिव का जप क्यों करते हैं ? ॐ नमः शिवाय एवं नमः शिवाय मंत्रों में क्या कोई अंतर है ? ओम नमः शिवाय में कितनी शक्ति है? हम "ओम नमः शिवाय" मंत्र कैसे सिद्ध कर सकते हैं? ओम नमः शिवाय का जाप कब करना चाहिए मंत्र ओम नमः शिवाय का अर्थ क्या है ? और कोई प्रश्न प्र्शन्न हो तो कमेंट कीजिए। जय महाकाल
यदि कोई विधि विधान से उपरोक्त शक्तिशाली शिव मंत्रों का पाठ करता है, तो वह कम से कम समय में सभी सुखों को प्राप्त कर सकता है |
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