ध्यान करते समय ॐ के उच्चारण करने की सही प्रक्रिया क्या है?
'ॐ' का उच्चारण करने से पहले इन बातों का रखें ध्यान, वरना होगा उल्टा असर
कई प्रस्न्न है , ध्यान करते समय ओम का उच्चारण कैसे करें ? ध्यान से उच्चारण कैसे करें? ॐ का जाप कैसे करें? ध्यान करते समय क्या बोलना चाहिए?
ध्यान करते समय ‘ॐ’ का उच्चारण करने की प्रक्रिया बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। ॐ ध्वनि को ब्रह्मांड की मूल ध्वनि कहा गया है, और इसका नियमित उच्चारण व्यक्ति के मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। ॐ का सही उच्चारण करने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करना चाहिए:
1. आरामदायक मुद्रा में बैठना
– सबसे पहले एक शांत और स्वच्छ स्थान का चयन करें। फिर, एक आरामदायक मुद्रा में बैठें, जैसे पद्मासन (कमल मुद्रा) या सुखासन। यदि आप किसी आसन में नहीं बैठ सकते, तो कुर्सी पर भी बैठ सकते हैं, लेकिन रीढ़ सीधी होनी चाहिए। इससे ऊर्जा का प्रवाह बेहतर होता है।
2. सांसों को संतुलित करना
– उच्चारण से पहले कुछ गहरी साँस लें और छोड़ें। इससे मन शांत होता है और शरीर में तनाव कम होता है। साँस को नियंत्रित करने से ध्यान और ॐ का उच्चारण प्रभावी बनता है।
3. ॐ का सही उच्चारण
– ॐ का उच्चारण तीन ध्वनियों “A-U-M” से मिलकर बना है, इसे ‘ओम’ के रूप में उच्चारित किया जाता है। इसे इस प्रकार विभाजित करें:
- “A” (अ) ध्वनि को गले से शुरू करें, और इसे पेट से गहरे स्वर में निकालें।
- “U” (उ) ध्वनि को ‘अ’ से आगे बढ़ाते हुए होंठों की ओर ले जाएँ। इसे धीरे-धीरे मुँह के बीच में महसूस करें।
- “M” (म) ध्वनि को होंठ बंद कर, नासिका के माध्यम से धीरे-धीरे निकालें। इसे ‘म’ के कंपन के रूप में महसूस करें।
4. लंबी और धीमी ध्वनि में उच्चारण
– ॐ का उच्चारण धीमी, गहरी और लंबी ध्वनि में करें। इसे एक लयबद्ध तरीके से दोहराएँ, जिससे पूरे शरीर और मन में इसकी कंपन महसूस हो।
– उदाहरण के लिए, यदि आप ‘ॐ’ का उच्चारण कर रहे हैं तो:
- “अ” ध्वनि में साँस छोड़ते हुए पेट की ओर ध्यान दें (लगभग 40% समय),
- “उ” ध्वनि का कंपन छाती में महसूस करें (लगभग 30% समय),
- “म” ध्वनि का कंपन सिर के भीतर, विशेषकर माथे और मस्तिष्क में महसूस करें (लगभग 30% समय)
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5. ध्यान की अवस्था में प्रवेश करना
– ॐ के उच्चारण के बाद थोड़ी देर रुकें और शांति का अनुभव करें। इस दौरान अपनी आँखें बंद रखें और ध्यान को सिर से लेकर पैरों तक पूरे शरीर पर केंद्रित करें। ॐ की ध्वनि के बाद आने वाली शांति का अनुभव करने से ध्यान गहरा होता है।
6. उच्चारण का नियमित अभ्यास
– ॐ का उच्चारण करते समय नियमितता बनाए रखना महत्वपूर्ण है। इसे प्रतिदिन 5-10 मिनट के लिए अभ्यास करें। धीरे-धीरे इस अवधि को बढ़ा सकते हैं। नियमित अभ्यास से मानसिक शांति, एकाग्रता, और ध्यान की गहराई बढ़ती है।
7. अंतिम ध्यान और शांति का अनुभव
– ॐ के उच्चारण के बाद कुछ समय मौन में रहें। इस स्थिति में ध्यान को शांत रखें और ॐ की ऊर्जा को महसूस करें। यह अंतिम मौन अवस्था आपको गहरी शांति और मानसिक स्पष्टता का अनुभव कराती है।
ॐ का सही उच्चारण करते समय गहरी साँस, लयबद्धता, और ध्यान में स्थिरता का ध्यान रखना चाहिए। ॐ के कंपन को शरीर में महसूस करना और अंत में शांति का अनुभव करना ध्यान को प्रभावशाली बनाता है। इसका नियमित अभ्यास आत्मिक शांति, मानसिक संतुलन और ध्यान की गहराई को बढ़ाता है।
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