झाड़ू को लक्ष्मी क्यों कहा जाता है ? झाड़ू को लक्ष्मी क्यों कहते हैं , why broom is called laxmi

 

झाड़ू में होता है धन की देवी मां लक्ष्‍मी का वास, ना करें ये गलतियां

झाड़ू को लक्ष्मी क्यों कहा जाता है,  झाड़ू को लक्ष्मी क्यों कहते हैं


ये सवाल काफी माता बहनों का होता है , झाड़ू को लक्ष्मी क्यों कहा जाता है ? झाड़ू को लक्ष्मी क्यों कहते हैं , घर के अंदर झाडू को लक्ष्मी का रूप क्यों कहाँ जाता है , why broom is called laxmi , इस लेख में विस्तार से बताएँगे , ध्यान से पूरा पढ़ें 


झाड़ू को लक्ष्मी क्यों कहा जाता है ?

झाड़ू को लक्ष्मी जी का स्वरूप इसलिए कहते हैं , क्योंकि झाड़ू घर की गंदगी बाहर निकालती है। और जहाँ साफ़ सफाई होगी वहां माता लक्ष्मी का वास होता है। झाड़ू को लक्ष्मी का वरदान मिला हुआ है, झाड़ू का स्थान हमारे घर में बहुत ही महत्वपूर्ण होता है वह हमारे घर में बहुत अधिक महत्व रखती है। आईये विस्तार से जानते हैं। 

यदि कोई घर का व्यक्ति घर से बाहर जा रहा होता है, तो उसके बाद में झाड़ू नहीं लगानी चाहिए । झाड़ू को घर में छुपा कर रखना चाहिए ,इधर उधर कहीं भी नहीं रखनी चाहिए, किसी भी बाहर वाले व्यक्ति को आने पर झाड़ू नहीं देखनी चाहिए ।

भूल कर भी ये मत कीजिए , झाड़ू के कभी भी पैर नहीं लगाने चाहिए, और सबको सीधा खड़ा नहीं रखना चाहिए, झाड़ू में मां लक्ष्मी का वास होता है , अगर गलती से कभी पैर लग भी जाए तो उसको प्रणाम करना चाहिए।

झाड़ू का हमें मान सम्मान करना चाहिए , ज्यादा पुरानी टूटी-फूटी झाड़ू का इस्तेमाल घर में नहीं करना चाहिए , इससे घर में रोजगार धंधे में वृद्धि नहीं होती है। 

झाड़ू को कभी भी रसोई घर में नहीं रखना चाहिए घर में दरिद्रता आती है, झाड़ू को कभी भी बेडरूम में नहीं रखना चाहिए।, इससे पति-पत्नी के बीच में झगड़े होने की पूरी संभावना रहती है 

कभी भी सूर्यास्त के बाद झाड़ू पोछा नहीं करना चाहिए , झाडू पर कभी भी गलती से भी पैर नहीं रखना चाहिए , क्योंकि झाड़ू में लक्ष्मी मां का वास होता है वह मां लक्ष्मी को अति प्रिय है और उनके एक हाथ में झाड़ू रहती है।

झाड़ू को कभी भी गीली नहीं रखनी चाहिए , झाड़ू से कभी भी किसी व्यक्ति या जानवर को नहीं मारना चाहिए , नए घर में अगर प्रवेश कर रहे हैं , तो नई झाड़ू जरूर खरीदना चाहिए

झाड़ू से कभी भी झुठन साफ नहीं करनी चाहिए, ना ही झाड़ू को कभी उलगना चाहिए, अमावस्या या शनिवार को ही पुरानी और झाड़ू टूटी-फूटी झाड़ू को घर से बाहर फेंकना चाहिए।l

गुरुवार या शुक्रवार को कभी भी झाड़ू को नहीं फेकनी चाहिए या घर से बाहर नहीं निकालनी चाहिए, नहीं तो मां लक्ष्मी भी घर से चली जाएगी।


सनातन या हिंदू धर्म में झाड़ू को माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। 

झाड़ू का मुख्य काम साफ़-सफ़ाई करना है।  कई धार्मिक ग्रंथों में यह कहा गया है कि जहां साफ़-सफ़ाई होती है , वहां लक्ष्मी का वास होता है।  जब घर से गंदगी दूर होती है , तो मां लक्ष्मी घर में प्रवेश करती हैं। 

घर में कूड़ा करकट दरिद्रता का स्वरूप है।  जब दरिद्रता बाहर होती है तभी लक्ष्मी माता का प्रवेश होता है।  इसलिए लक्ष्मी माता के स्वरूप में झाड़ू को माना गया है। 

झाड़ू से जुड़ी कुछ मान्यताएं - झाड़ू से जुड़ी कुछ बातें

1 - झाड़ू को साफ़ सफ़ाई के बाद छिपाकर रखनी चाहिए , और भूल कर भी सूर्यास्त के बाद शाम के वक्त झाड़ू नहीं करना चाहिए। 

2 - यदि बाहरवाले को  दिन में झाड़ू दिखाई देती है , तो घर में दरिद्रता का वास होता है। 

3 - झाड़ू को सही समय पर खरीदने से देवी लक्ष्मी घर से बाहर नहीं जाती हैं। झाड़ू हमेशा कृष्ण पक्ष में खरीदनी चाहिए। नई झड़ू शनिवार के दिन खरीदनी चाहिए। 

4 - झाड़ू को कभी भी खड़ा करके नहीं रखना चाहिए। 

5 - झाड़ू को रसोई घर में नहीं रखना चाहिए।  झाड़ू को कभी भी पैर नहीं लगाया जाता। 

6 - जिन घरों में झाड़ू का सम्मान और रखरखाव ठीक तरह से होता है , वहां पर सदैव मां लक्ष्मी का वास होता है। 

7 - दीपावली के दिन किसी भी मंदिर में जाकर झाड़ू दान करने से , घर में स्थाई रूप से लक्ष्मी का वास होता है। 

8 - नए घर में वो चाहिए किराये का हो , प्रवेश करते समय नै झाड़ू लेकर ही प्रवेश करना चाहिए। 

9  - धनतेरस के दिन झाड़ू घर लाने से सभी कर्जों से मुक्ति मिलती है , और सुख-समृद्धि आती है , घर में स्थाई लक्ष्मी का वास होता है। 

वास्तु शास्त्र के अनुसार, पुरानी झाड़ू बदलने और नई झाड़ू खरीदने के लिए शनिवार का दिन उत्तम है। धनतेरस के दिन पुरानी झाड़ू में काला धागा बांधकर , किसी ऐसी जगह पर रखना चाहिए , जहां किसी बाहरी व्यक्ति की नजर न पड़े। ऐसा करने से माता लक्ष्मी की कृपा दृष्टि बनी रहती है। 


घर गृहस्ती में इतनी बातों का ध्यान नहीं रख सकते। भाग दौड़ भरी जिंदगी होती है। कभी ना कभी झाड़ू के इन नियमों का उल्लघन हो जाता है  , और अनजाने में अपशुकन हो जाता है , माता लक्ष्मी का अपमान हो जाता है , देवी की कृपा नहीं रहती। घर की बरकत चली जाती है। 


इसका आसान उपाय बताते हैं –


एक झाड़ू का जोड़ा , जो माता लक्ष्मी और कुबेर देव का प्रतीक है , उसको खरीद कभी भी सकते हो , लेकिन शनिवार को घर में , जहाँ पैसे रखते हो , दुकान या व्यपारिक प्रतिष्ठान है तो गल्ले ( तिजोरी )के पास रख दीजिए। नियमित धुप दीप दिखा दीजिए , सब काम सिद्ध होंगे। धन माया की बरकत होगी। जय महा लक्ष्मी माता ||


वैसे आप किसी भी पूजा पाठ का सामान बेचने वाली दुकान से ले सकते हो , या फिर जो निचे लिंक दिया है ,  वहां से ले लीजिए।  जायज रेट पर देते हैं । जय श्री राधे 


यहाँ से ले सकते हो , जय महा लक्ष्मी माता 



आशा करते हैं सभी सवालों , झाड़ू को लक्ष्मी क्यों कहा जाता है ? झाड़ू को लक्ष्मी क्यों कहते हैं , घर के अंदर झाडू को लक्ष्मी का रूप क्यों कहाँ जाता है , why broom is called laxmi , के जवाब इस लेख में मिल गए होंगे , कोई और सवाल हो तो मैसेज कीजिए , जय लक्ष्मी माता 


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गीता जी वेदांत


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