कैसे लगती है , बाला जी की अर्जी , Mehandipur Balaji ki arji

कोई तीन मनोकामना पूरी करवा सकते हो , मेहंदीपुर बालाजी की अर्जी लगाकर |

कैसे लगती है , बाला जी की अर्जी , Mehandipur Balaji ki arji


जानिए कैसे लगती है मेहंदीपुर बालाजी में अर्जी , अर्जी लगाने का तरीका | (Mehandipur Balaji) बालाजी संकट कैसे काटते हैं,hanumaan ji , Mehandipur Balaji ki arji

मेहंदीपुर बाला जी में तीन देवताओं का वास् है। जब मंदिर में प्रवेश करते हैं तो  मुख्य द्वार पर श्री बालाजी महाराज की प्रतिमा के दर्शन होते हैं।


 थोड़ा आगे श्री भैरव जी महाराज का दरबार विराजमान है। यहाँ से कुछ कदमों की दूरी पर श्री प्रेतराज सरकार महाराज जी के दरबार को जाने के लिए रास्ता है। वहीँ सीढ़ियों के नीचे भंगी बाड़ा है , जहां लोग बैठ कर भोग लगाते हैं। 


मान्यता है कि बाला जी महाराज , भैरव जी और श्री प्रेतराज सरकार , तीनों देवों का प्रादुर्भाव लगभग 2000 साल पूर्व यहां के मुख्य महंत जी श्री गणेशपुरी जी के सामने हुआ था।

 तीनों देवताओं की प्रतिमा किसी की घड़ी हुई नहीं हैं , पर्वत का ही हिस्सा है जो श्री गणेश पुरी जी को सपने में दर्शन हुए थे। 


श्री राम जी और भगवन बालाजी महाराज के 14 जयकारों से हररोज सुबह लगभग साढ़े 6 बजे के करीब बालाजी महाराज की आरती शुरू की जाती है। आरती के समय यहां मेले जैसा माहौल हो जाता है। 


आरती के बाद मंदिर के मुख्य पुजारी भक्तों को आरती के छींटे ( आरती का जल ) देते हैं। बाद में वो रह जाते हैं , जो लोग बालाजी महाराज को अर्जी या दरख्वास्त लगाना चाहते हैं।

जानिए कैसे लगती है मेहंदीपुर बालाजी में अर्जी और अर्जी लगाने का तरीका


अर्जी लगाने का समय

बाला जी की अर्जी हर रोज सुबह आठ बजे से लेकर ग्यारह बजे तक ही लगायी जाती है। ( सूर्य या चंद्र ग्रहण और एकादशी के दिन अर्जी नहीं लगाई जाती )

लोग अर्जी लगाते क्यों हैं ?


जो भी बाला जी महाराज के दरबार में आते हैं, हर एक की कुछ ना कुछ परेशानियां और शिकायतें होती हैं ,संकट होते हैं । किसी को परीक्षा में सफलता नहीं मिल रही।  


कुछ लोग नौकरी या जॉब ना मिलने से परेशान हैं तो किसी की नौकरी चली गयी। कुछ लोग रोग से पीड़ित हैं , दवाई नहीं लग रही तो , कई घरों में सुख शांति नहीं ,ग्रह कलेश है । 


किसी को व्यापार मे बरक्कत नहीं तो , किसी का विवाह नहीं हो रहा या शादी विवाह में अड़चन आ रही है। तो किसी की नशे या बुरे व्यसन ने उजाड़ दिया है। यदि समय पर विवाह हो गया तो संतान नहीं हो रही।


 कोई बीमारी से त्रस्त है तो दवाइयां नहीं लग रही , डॉक्टरों को उसकी बीमारी ही समझ नहीं आ रही । जितनी दुनियां उतनी परेशानियां। 

बहुत सारी जनता इन्हीं प्रकार के संकटों से घिरे आपको बाला जी के दर्शनों के लिए खड़े हुए मिल जायेंगे। 


इस मंदिर में लोग तीनों देवताओं के दर्शन करते हैं और परेशानियों को दूर करने के लिए अर्जी लगाते हैं।

अर्जी  का प्रशाद कहाँ मिलता है ?

बाला जी की अर्जी या दरख्वास्त का प्रशाद आपको मंदिर के आस पास बनी प्रसाद की दुकानों पर मिल जायेगा । दुकानों पर इनकी कीमत भी लगभग एक जैसी ही होती है।

बाला जी की अर्जी लगाने का सही तरीका क्या है —


बाला जी की अर्जी लगाने से पहले दरख्वास्त लगायी जाती है ,कोई परेशान होने की जरूरत नहीं।  वहां जाओगे तो सब बता दिया जाता है ,यहाँ भी आपको विस्तार से जानकारी देंगे।

 

किसी भी दुकान से लोगे तो  एक छोटे से दोने में बूंदी के बहुत ही छोटे छोटे छह लड्डू, बताशे और दीपक होता है। यह बालाजी महाराज की हाजरी लगाई जाती है । 


प्रसाद की दुकान मे दुकानदार आपको  एक थाली लड्डुओं की , दूसरी थाली उबले हुए चावल और तीसरी उबले हुए उड़द की देगा। तीन थाली होती है। एक मे एक कटोरी में घी होता है। तीनो थालियों में हर एक मे सवा-सवा सेर सामान होता है। आजकल अर्जी की प्रक्रिया तीन चरणों में पूरी की जाती है।


अर्जी लगाने के पहले चरण में क्या करना है —


सबसे पहले आपको एक थाली दुकान से लेनी है , जिसमे सवा सेर लड्डू होंगे ,एक कटोरी में घी और दरख्वास्त का एक दौना लेना होगा ,ये आसानी से किसी भी दुकान पर मिल जायेगा । सारे सामान को सिर पर रखकर बालाजी महाराज के दर्शनों की लाइन में लग जाईये।


 यहाँ आपको मन ही मन अपना पूरा नाम, अपने पिता का नाम ,गोत्र ,जाती इत्यादि ( महिलाएं अपने पति का नाम ) और अपना पूरा पता बोल दीजिए । इसके बाद अपनी परेशानी या संकट बाला जी को बताएं ।


इस बात का खास ख्याल रखें –


एक अर्जी मे आप तीन ही परेशानियां ही बता सकते हैं , ज्यादा बताएँगे तो अर्जी मंजूर नहीं होगी।  ये खास बात दिमाग में रखना। 


बाला जी के दरबार में प्रवेश करते ही थाली पुजारी की दे दीजिए । पुजारी बाला जी का भोग लगाकर बाकि प्रशाद आपको दे देगा ।


इसके बाद आपको , भैरव जी और  प्रेत राज जी के दरबार में लड्डू की थाली नहीं ले जानी है , सिर्फ अर्जी /दरख्वास्त लगानी होती है। फिर सीधे आप उसी दुकानदार के पास आना हैं , जहां से आपने दरख्वास्त / अर्जी ली थी। बचे हुवे छह लड्डू , जो बालाजी महाराज के दरबार से बचे थे उनको दुकानदार को दे देने है।


बालाजी की अर्जी लगाने की जो प्रकिर्या बता रहे हैं , शायद आपको अटपटी लगे। लेकिन ये प्रकिर्या सही है। दूसरी बात यदि आप समय निकाल कर मेहंदीपुर धाम चले ही गए हो ,तो जैसा बता रहे हैं वैसा ही कीजिए। शानदार रिजल्ट मिलेगा। 


बाला जी कीअर्जी लगाने का दूसरा चरण –


इस समय वही दुकानदार जिसने पहले प्रशाद दिया था , आपको दो थाली देगा  एक मे उबले हुए चावल और दूसरी मे उबले हुए साबुत उड़द होंगे। 


और जो छह लड्डू आपने दुकानदार को दिए थे , उसमे से दो लड्डू चावल की थाली और दो लड्डू उड़द की थाली के ऊपर रख कर आपको वापिस दे देगा देगा। बाकि बचे हुए दो लड्डू दुकानदार अपने पास ही रख लेगा जो अर्जी लगे जाने के बाद आपको दिए जायेंगे। 


आपको दोनों थाली लेकर फिर मंदिर में जाना है , दूसरे रास्ते जाना है  दुकानदार आपको रास्ता समझा देगा। ये रास्ता सीधे भैरव जी महाराज के दरबार तक जाएगा।


थाली पुरोहित के सामने रख दीजिए और आपको बस अपना नाम, गोत्र पता और परेशानी को मन ही मन दोहराना है। इसके बाद आप सीढियों से प्रेत राज जी के दरबार में जाना है। 


 वहां आपको पुजारी के आगे चावल की थाली रख दीजिए  फिर वही प्रार्थना कीजिए ,साधारण है। 

इसके बाद दोनों थाली का बचा सारा सामान मंदिर से बाहर निकाल , कर सात बार अपने सिर के ऊपर उतारा कर के पीछे की ओर गिरा देना है ,और मुड़कर पीछे नहीं देखना है ,मेहंदीपुर बाला जी की ये खास हिदायत है । 


अब आखिर में दोनों थाली लेकर आप उसी दुकानदार के पास वापिस जाईये , वही दुकानदार आपको बचे हुए दो लड्डू देगा जो सिर्फ आपने ही खाना है ,किसी और को नहीं बाँटना । ये ध्यान रखना। 


यह है अर्जी लगाने का तीसरा चरण  – जो जरूरी है

 

आखिर में आपको दुकानदार एक अर्जी / दरख्वास्त का दौना लगाने को और देता है । ये अर्जी चढ़ानी होती है , लास्ट काम होता है , ब्लॉग पढ़ने में समय लगा होगा ,वहां समय नहीं लगता। 


श्रद्धालुओं की लाइन में लगते ही मन ही मन अपना नाम और पता बोल कर ये बोलना है कि बालाजी महाराज मेरी लगायी हुई अर्जी को मंजूर किजिये। दरख्वास्त लगते ही आपकी अर्जी पूरी हो जाती है।


 मेहंदीपुर बालाजी की अर्जी कैसे लगाएं ,बाला जी की अर्जी क्या होती है , Mehandipur Balaji ki arji , hanumaan ji शायद इन सब सवालों के जवाब मिल चुके होंगे। कोई और सवाल हो तो टिप्पणी कीजिए। (Mehandipur Balaji) जय श्री राम 

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