ज्योतिष आपकी जिंदगी बदल सकती है ,आज बताते हैं ज्योतिष और विज्ञान में क्या अंतर है | ज्योतिष एक प्राचीन विद्या है , जो हमारे सनातन धर्म और वेदों से जुड़ी है , जबकि विज्ञान आधुनिक दुनिया के शोध करने की एक शाखा है।
ज्योतिष विद्या को विज्ञान कहना गलत है , क्यूंकि ज्योतिष विद्या हज़ारों सालों का ज्ञान है। या सही बात तो ये है , विज्ञान , ज्योतिष विद्या के सामने बहुत छोटा है ।
Hubbell टेलिस्कोप और नासा कल की चीज हैं। जो ये अब बताते हैं ,उसका तो ज्योतिष को हजारों साल से पता है।
महाभारत काल में युधिष्टर पचांग के प्रकांड ज्ञाता थे।
परन्तु आज ये कहने वालों की होड़ लगी हुई है ,विज्ञान ही सत्य है ,लेकिन ऐसा है नहीं।
पूरी दुनिया में ऐसा बहुत सा ज्ञान है , ऐसे बहुत सी बातें हैं , जो विज्ञान नहीं है , और उनका विज्ञानं के पास कोई उतर नहीं है ,लेकिन परम सत्य है।
आज के विज्ञान को कोई भी साधारण बुद्धि वाला इन्सान सीख सकता है , परन्तु ज्योतिष विद्या केवल और केवल ईश्वर कृपा से ही सीख सकता है। ोय कोई सिद्ध गुरु ही सीखा सकता है।
ज्योतिष विद्या को सीखने का मतलब है , कि भगवन की कृपा से भविष्यवाणी करना।
एक बात है - आप ज्योतिष को पराविज्ञान बोल सकते हैं। यानि विज्ञानं से ऊपर।
जिस विज्ञान ने ग्रहों की जानकारी अब दी है , वो जानकारी तो हमें हज़ारों साल पहले से ही थी। साथ में सनातन धर्म में ऐसे गणित की जानकारी थी की विज्ञान भी फेल हो जाये, जो वैदिक गणित के नाम से अब पूरी दुनिया में प्रचलित है।
ये बात सही है , ज्योतिष विद्या बता सकती है , कि आने वाले समय में क्या शुभ अशुभ होने वाला है , क्या मंगल अमंगल हो सकता है , लेकिन विज्ञान नहीं बता सकता।
इसलिए विज्ञान से बहुत ऊंची विद्या है ज्योतिष ।
ज्योतिष एक प्रकार का सूक्ष्म विज्ञान है , जो कि काफी विविध और काफी अधिक विस्तृत है। जिसको भगवन कृपा से मनुष्ये प्राप्त कर सकता है।
यह ऐसी तकनीक है जिसके कारण भविष्य को जाना जा सकता है। इसके अलावा दुनिया मे ऐसा कोई और माध्यम या जरिया नही है।
शानदार सवाल है , ज्योतिष और विज्ञान में क्या अंतर है। astrology a science or superstition
ज्योतिष बिलकुल अलग ही विषय है। विज्ञान से ज्योतिष विद्या को अलग ही रखना चाहिए। यदि ज्योतिष विद्या और वर्तमान विज्ञान की तुलना करना चाहे भी तो नही हो सकती , कोई समानता नहीं ।
ज्योतिष विद्या या ज्योतिष शास्त्र काफी अधिक विकसित और अधिक विस्तृत है।
जैसे कोई व्यक्ति है, जिसका हमे जांच करना है कि उसके शरीर मे क्या दिक्कतें आ सकती है। आधुनिक विज्ञानं में यह संभव नही, क्योंकि आधुनिक विज्ञानं वाले तभी बता सकते है जब बीमारी हो चुकी होगी।
यदि ज्योतिष विद्या की बात करें तो ज्योतिष के माध्यम से व्यक्ति के शारीरिक मानसिक स्वास्थ्य के बारे में वर्षो पहले ही बताया जा सकता है , 100 % प्रतिशत बताया जा सकता है , कि लगभग इस आयु में इस तरह की बीमारी या दिक्कतें होंगी।
ऐसा करना आधुनिक विज्ञान में सम्भव ही नही है।
ज्योतिष विद्या को इसलिए ही दबा के रखा गया है क्योंकि , ये आधुनिक विज्ञानं के कई पहलुओं पर ये सीधी चोट है , और यह काफी शक्तिशाली ऊर्जा है।
अगर सभी ज्योतिष से जुड़ जाए तो समस्याएं काफी हद तक सम्भल जाएंगी ,और आधुनिक विज्ञानं की कमाई का जरिया बांध हो जायेगा , इसलिए ज्योतिष को रोका जाता है।