ग्रह बाधा से पूर्व होने वाले संकेत कौन से हैं और इसके क्या उपाय हैं?

 ग्रह बाधा से पूर्व होने वाले संकेत कौन से हैं और इसके क्या उपाय हैं?


ग्रह बाधा से पूर्व होने वाले संकेत कौन से हैं और इसके क्या उपाय हैं?

ग्रह बाधा का प्रभाव व्यक्ति के जीवन में आने से पहले कई संकेत देता है। इन संकेतों को समय पर पहचानकर उनके उपाय करने से नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है।

सूर्य ग्रह:

संकेत:

• घर में रोशनी देने वाले उपकरणों का बार-बार खराब होना या बल्ब का अचानक फ्यूज हो जाना।

• परिवार में किसी वरिष्ठ व्यक्ति, खासतौर पर पिता या बड़े भाई, के साथ संबंध खराब होना।

• सिरदर्द, बुखार, या पित्त से संबंधित समस्याएं बढ़ जाना।

• कार्यस्थल पर अधिकारियों के साथ विवाद बढ़ना।

• सामाजिक प्रतिष्ठा में गिरावट आना।

चंद्रमा ग्रह:

संकेत:

• चांदी के गहनों का खो जाना या उनमें खराबी आना।

• सफेद कपड़ों का फटना या उन पर गहरे धब्बे लगना।

• घर में पानी का व्यर्थ बहना, जैसे नल का लीक होना या पानी की टंकी का खराब होना।

• मन में बेचैनी, नींद न आना, और अत्यधिक भावुक हो जाना।

• माता के स्वास्थ्य में गिरावट या उनके साथ मतभेद बढ़ना।

मंगल ग्रह:

संकेत:

• घर में दीवारों का टूटना, क्रैक आना, या आग लगने की घटनाएं।

• लाल रंग की वस्तुओं का बार-बार खो जाना।

• छोटी-मोटी दुर्घटनाओं में वृद्धि, खासकर वाहन दुर्घटना या चोट लगना।

• जमीन या संपत्ति के मामलों में विवाद।

• अनावश्यक क्रोध और झगड़े की प्रवृत्ति।

बुध ग्रह:

संकेत:

• निर्णय लेने में कठिनाई और भ्रम की स्थिति का उत्पन्न होना।

• व्यापार या आर्थिक लेन-देन में हानि होना।

• वाणी में कठोरता आना और दूसरों के साथ संवाद में समस्या।

• त्वचा से संबंधित रोगों का बढ़ना, जैसे एलर्जी या खुजली।

• विद्यार्थियों के लिए पढ़ाई में ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत।

बृहस्पति ग्रह:

संकेत:

• धार्मिक कार्यों में अरुचि और अध्यात्म से दूरी।

• शिक्षा में रुकावटें, जैसे परीक्षा में असफलता।

• घर के बड़े-बुजुर्गों, विशेषकर दादा-दादी के स्वास्थ्य में समस्या।

• संतान की शिक्षा, करियर, या विवाह को लेकर चिंताएं बढ़ना।

• पीली धातुओं या वस्त्रों का खो जाना।

शुक्र ग्रह:

संकेत:

• वैवाहिक जीवन में कलह और असंतोष।

• त्वचा और प्रजनन अंगों से संबंधित बीमारियां।

• घर में सजावट की चीज़ों का अचानक टूटना या खराब होना।

• कामुक विचारों में वृद्धि और अनुचित संबंधों की संभावना।

• आर्थिक समस्याएं और भोग-विलास में बाधा।

शनि ग्रह:

संकेत:

• दिन में अत्यधिक नींद आना या आलस्य बढ़ना।

• लोहे की वस्तुओं का खराब होना या खो जाना।

• मकान के किसी हिस्से का गिरना या टूटना।

• अपाहिज या अत्यंत गरीब व्यक्ति से अनावश्यक विवाद।

• स्वास्थ्य में कमजोरी और पुरानी बीमारियों का बढ़ना।

राहु ग्रह:

संकेत:

• मरे हुए सांप, पक्षी, या छिपकली का अचानक दिखना।

• स्मरण शक्ति कमजोर होना और महत्वपूर्ण बातें भूल जाना।

• घर में धुएं का बढ़ना या अजीब गंध का अनुभव।

• अनजाने शत्रु बढ़ना और बार-बार विवाद में पड़ना।

• भ्रमित सपने आना और मानसिक अशांति।

केतु ग्रह:

संकेत:

• पालतू जानवरों का बीमार पड़ना या अचानक गायब हो जाना।

• पूजा स्थान का अपवित्र हो जाना या पूजा सामग्री का बिखर जाना।

• शरीर में अकारण दर्द, विशेषकर पैरों में।

• घर में सांप, बिल्ली, या चूहे की बढ़ती संख्या।

• भूत-प्रेत जैसा अनुभव या अजीब घटनाएं।

इन संकेतों को पहचानकर उचित ज्योतिषीय उपायों और सकारात्मक प्रयासों के जरिए ग्रह बाधा के प्रभाव को कम किया जा सकता है। ग्रहों के प्रभाव को संतुलित करने के लिए अपनी दिनचर्या में शुद्धता और अनुशासन बनाए रखना भी आवश्यक है।


ग्रह दोषों को दूर करते हैं ये मंत्र

ग्रहों के दोषों को दूर करने के लिए, इन मंत्रों का जाप किया जा सकता है: 

  • सूर्य मंत्र: ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नमः

  • चंद्र मंत्र: ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः सोमाय नमः

  • मंगल मंत्र: ॐ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नमः

  • बुध मंत्र: ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नमः

  • शुक्र मंत्र: ॐ शुं शुक्राय नमः

  • राहु मंत्र: ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नमः

  • केतु मंत्र: ॐ कें केतवे नमः

ग्रहों के दोषों को दूर करने के लिए, गायत्री मंत्र का जाप भी किया जा सकता है. गायत्री मंत्र को महामंत्र माना जाता है. 


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गीता जी वेदांत


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