भक्ति से परमात्मा आप के साथ होते हैं , पल पल रक्षा करते हैं bhakthi

 

सच्ची भक्ति क्या है ? भक्ति के लिए कितना समय देना चाहिए


सच्ची भक्ति क्या है ,भक्ति के लिए कितना समय देना चाहिए


सब पूछते हैं गुरूजी , सच्ची भक्ति क्या है , भक्ति का अर्थ क्या है , भक्ति के लिए कितना समय देना चाहिए , भक्ति कितने प्रकार की होती है , भक्ति क्या देती है ? आपको इस लेख में सब विस्तार से बताएँगे , ध्यान से पढ़ें 


सच्ची भक्ति क्या है ?


पूजाघर में बैठकर भगवान का भजन पूजा  करते हैं, और सोचते है कि भक्त हैं। हम मन्दिर में बैठकर पूजा अर्चना करते है, और हमें लगता है कि हम भक्त हैं। 


ये धारणएँ सही हैं, परन्तु भक्ति की एक और अवस्था है, जिसे सही मायने में सच्ची भक्ति कहा जा सकता है। और वह है - ईश्वर को पूजाघर, मन्दिर और धार्मिक आयोजनों के बाहर भी देखना। 


सच्ची भक्ति की अवस्था वह है, जहाँ हमारा हर काम भगवान की पूजा बन जाता है।


सनातन धर्म के अनुसार पिता की सेवा करना चाहता है, तो सबसे पहले अपने भाइयों की सेवा करनी चाहिए। इसी प्रकार जो शिव की सेवा करना चाहता है, उसे पहले उसकी सन्तान की, विश्व के प्राणीमात्र की सेवा करनी चाहिए। शास्त्रों में भी कहा गया है कि जो भगवान के दासों की सेवा करता है, वही भगवान का सर्वश्रेष्ठ दास है। समाज सेवा भी भक्ति है। 


भक्ति का अर्थ क्या है ?


भक्ति का शाब्दिक अर्थ है, सेवा। यानि जिसकी सेवा उसका फल।  

मातृ भक्ति  -  माता की सेवा, 

पितृ भक्ति -  पिता की सेवा, 

देश भक्ति -  देश की सेवा, 

ईश्वर भक्ति -  ईश्वर की सेवा।


भक्ति के लिए कितना समय देना चाहिए ? 


भक्ति का समय है श्रद्धा अनुसार ,यानि आपकी सुविधा अनुसार। भगवान की पूजा के लिए सुबह-सुबह का समय सर्वश्रेष्ठ माना गया है। वैसे तो दिन में कभी भी सच्चे मन से आराधना की जा सकती है, लेकिन ब्रह्म मुहूर्त में पूजा-आराधना करने का विशेष महत्व है।  क्योंकि इस समय हमारा मन शांत रहता है। नींद से जागने के बाद थकान नहीं रहती है और पूजा अच्छे से हो पाती है।

सुबह जल्दी पूजा करने से कौन-कौन से लाभ मिल सकते हैं।

1 - प्रतिदिन सुबह जल्दी पूजा करने के लिए जल्दी जागना पड़ता है। सुबह-सुबह जल्दी उठने से हमारे स्वास्थ्य को कई लाभ मिलते हैं। दिनभर ताजगी बनी रहती है।

2 - ब्रह्म मुहूर्त ध्यान यानी मेडिटेशन के लिए बहुत अच्छा होता है। सुबह ज्यादा शोर भी नहीं होता है, वातावरण में शुद्धता रहती है।

3 - पूजा करते समय भगवान का ध्यान करना होता है, मंत्रों का जाप करना होता है, इन कामों के लिए सुबह का समय सबसे उत्तम होता है।

4 - ब्रह्म मुहूर्त में हमारे दिमाग में इधर-उधर के व्यर्थ विचार नहीं होते। भगवान की भक्ति के लिए जरूरी है कि मन एकाग्र रहे, ताकि पूरा ध्यान पूजा में लगाया जा सके।

5 - दिन में ठीक से पूजा नहीं कर पाते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए ब्रह्म मुहूर्त को पूजादि कर्मों के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है।

 6 - सुबह-सुबह ध्यान करने से मानसिक तनाव दूर होता है, मंत्र जाप करने से बुद्धि तेज होती है। पूजा शांत मन से धैर्य के साथ की जाती है तो भगवान भक्त की सभी इच्छाएं पूरी करते हैं।


भक्ति कितने प्रकार की होती है ?


भक्ति के चार प्रकार माने गये है- सात्विकी, राजसी, तामसी और निर्गुण। 


सबसे पहले तो भक्ति का अर्थ समझना है की भक्ति है क्या, भक्ति प्रेम को कहते हैं भक्ति प्रेम है , परमात्मा के पीछे ना पड कर सारी सृष्टि में जितने प्राणी हैं मनुष्य से लेकर जीव जंतु पशु पक्षी जानवर सबसे प्रेम करना ही है प्रभु से प्रेम करना है।


परमात्मा ने कभी नहीं कहा कि तुम मुझसे प्रेम करो, परमात्मा का कहना यही है कि अगर तुम मुझसे प्रेम करना चाहते हो तो मेरे द्वारा जितनी सारी सृष्टि बनाई गई है इसमें जितने प्राणी है सबसे प्रेम करो वह प्रेम मुझसे ही होगा क्योंकि मैं सभी प्राणियों के हृदय निवास करता हूं और यही सत्य है।


सभी प्राणियों के हृदय में मैं ही हूं अगर तुम मुझे कुछ खिलाना चाहते हो तो सभी प्राणियों को दे सकते हो वह मुझे ही प्राप्त होगा अगर तुम मुझे पानी पिलाना चाहते हो तो किसी को भी पिला देना वह मुझे ही प्राप्त होगा।


अगर परमात्मा की रहमत प्राप्त करनी है परमात्मा की दया करुणा प्राप्त करनी है परमात्मा के आशीर्वाद प्राप्त करने हैं तो हमें सभी मानव प्राणी से प्रेम करना पड़ेगा यही भक्ति सबसे लाभदायक है।


भक्ति क्या देती है ?


भक्ति करने से परमात्मा आप के साथ देते हैं , आप की पल पल रक्षा करते हैं। साधक को सुख भी मिलता है , जीवन की कठिनाइयां समाप्त होती हैं , व्यापार ,पढाई ,नौकरी में तरक्की मिलती है ।


कुलदेवी की भक्ति करते हैं तो , समाज में मान सम्मान मिलता है। संतान सुख की प्राप्ति होती है। घर में मंगल कार्य समय पर होते हैं। शादी विवाह समय पर होते हैं। गृह कलेश नहीं होता। बुरा व्यसन घर में प्रवेश नहीं करता।


 धन माया की बरकत होती है। घर में बीमारियां नहीं आती। आय के साधन बनते है ,फालतू खर्चे नहीं होते , कर्जा नहीं होता। 


सभी सवालों , सच्ची भक्ति क्या है , भक्ति का अर्थ क्या है , भक्ति के लिए कितना समय देना चाहिए , भक्ति कितने प्रकार की होती है , भक्ति क्या देती है ? के जवाब मिल गए होंगे , कोई और सवाल हो तो , निचे whats app  नंबर दिया है , मैसेज कीजिए , जय श्री राधे 


यहाँ पढ़ें - काल तक को टाल देने वाला , हिन्दू धर्म का 'चमत्कारिक' मंत्र ,shiv mantra


कलयुग के देवता कौन है ? किसकी भक्ति करनी चाहिए ?


भगवान शिव के सभी अवतार , कलयुग के देवता हैं 


इसलिए भगवान शिव की पूजा में करना बहुत ही आवश्यक है। अगर आप स्‍वच्‍छता के साथ एक लोटा जल भी महादेव को अर्पित करते हैं , तो वह बहुत जल्‍द अपने भक्‍तों से प्रसन्‍न हो जाते हैं। आइए आपको बताते हैं घर में शिवलिंग की पूजा करने के नियम।


अगर आपने अपने घर में शिवलिंग स्‍थापित किया है तो रोजाना नियमित रूप से उसकी पूजा करें। आप बहुत जल्दी सुख समृद्धि प्राप्त करते हो , भोले बाबा से 5 रूपये मांगोगे 5 करोड़ पकड़ा देगा। इनकी महिमा ही न्यारी है।


 शिव पुराण में इस नियम का उल्‍लेख है कि घर में अंगूठे से बड़े आकार का शिवलिंग नहीं रखना चाहिए। 


 घरों के लिए नर्मदेश्वर शिवलिंग , सबसे सर्वश्रेष्ट है  , इसकी प्राण प्रतिष्ठा नहीं करनी पड़ती , इसको स्थापित करने के लिए ,किसी ब्राह्मण या ज्योतिष की जरूरत नहीं होती। 


घर पर शिवलिंग है तो इस बात का ध्‍यान रखें कि हमेशा उत्‍तर दिशा की ओर मुख करके ही जल चढ़ाएं। उत्‍तर दिशा की ओर मुख करके जल चढ़ाने से आपको शिवजी और माता पार्वती दोनों की विशेष कृपा प्राप्‍त होती है।


NOTE - घरों के लिए नर्मदेश्वर शिवलिंग , सबसे सर्वश्रेष्ट है।  यदि आपको घर , ऑफिस , या व्यापार स्थल के लिए मंगवाना हो तो ये whats app 7206661495 नंबर है मैसेज कीजिए , शुद्ध और जाग्रत शिवलिंग ले सकते हो , जय भोले बाबा 

सच्ची भक्ति क्या है ,भक्ति के लिए कितना समय देना चाहिए



यहाँ पढ़ें - हनुमान जी से अष्ट सिद्धि कैसे प्राप्त करें ? How is Hanuman Sadhana


जानकारी अच्छी लगी तो फॉलो कीजिए और दायीं और लाल घंटी को 

दबा दीजिए , ताकि अगली पोस्ट जल्दी से जल्दी आपके पास पहुंचे ,

 धन्यवाद

सभी प्रकार की ज्योतिषीय और आध्यात्मिक समस्याओं के लिए सम्पर्क करें  

whatsapp  7206661495 

गीता जी वेदांत


और नया पुराने