जीवन के सभी संकटों का समाधान - श्री गणेश की पूजा
अक्सर बहुत लोग पूछते हैं , सबसे पहले किस देवी देवता की उपासना करनी चाहिए ,सबसे पहले गणेश जी की पूजा क्यों होती है , श्री गणेश की पूजा , पूजा करते समय गुरु का नाम लेना चाहिये या गणेश जी का |
सुबह दुकान खोलने का मंत्र , सुबह दूकान या प्रतिष्ठान खोलते समय कौन सा मंत्र बोलना चाहिए। प्रथम पूज्य गणेश मंत्र , गणपति के सरल और प्रभावी मंत्र क्या है ? कलियुग में, मुख्य हिंदू देवता कौन हैं , आज इस लेख में आपको विस्तार से बताएँगे ,जीवन में तरक्की और खुशहाली लाने के लिए श्री गणेश पूजा क्यों जरूरी है ,ध्यान से पढ़ें
सनातन या हिंदू धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूजनीय और विघ्नहर्ता कहा जाता है। क्यूंकि इनकी पूजा से कार्य में बाधाएं नहीं आती और सभी कार्य सफलतापूर्वक संपन्न होते हैं। इसलिए इनको विघ्न विनाशक भी कहा जाता है।
रिद्धि-सिद्धि के दाता कहे जाने वाले भगवान गणेश की पूजा के लिए बुधवार का दिन उत्तम माना जाता है। इस दिन पूजा-पाठ, व्रत और मंत्रों के जाप से श्री गणेश शीघ्र ही प्रसन्न होते और भक्तों को आशीर्वाद देते हैं ,कभी निराश नहीं करते।
सबसे पहले गणेश जी की पूजा क्यों होती है ?
लिंग पुराण के अनुसार – गणेश जी विघ्न नाश करते हैं इसलिए सबसे पहले होती है पूजा
श्री गणेश की पूजा : हर काम के शुभारंभ से पहले हमें बेहतर योजना, दूरदर्शी फैसले और कुशल नेतृत्व की आवश्यकता होती है। गणेश बुद्धि के देवता हैं । हर काम की शुरुआत के पहले बुद्धि का उपयोग आवश्यक है। और बुद्धि देने वाले भगवान गणेश ही हैं। इसलिए सबसे पहले गणेश जी की पूजा होती है।
सबसे पहले गणेश जी की पूजा की जाती है , क्यूंकि उनकी पूजा से सभी प्रकार के विघ्नों का नाश होता है , और जिस काम की शुरुवात की है वो अवश्य पूरा होता है। और आपके मार्ग में आ रही बाधाओं का नाश होता है ।
सुबह दूकान या प्रतिष्ठान खोलते समय कौन सा मंत्र बोलना चाहिए ? सुबह दुकान खोलने का मंत्र
मंगल कार्य की शुरुवात और विघ्नों के नाश के लिए गणेश जी के इस मंत्र का जाप करें। कई लोग पूछते हैं , सुबह दूकान या प्रतिष्ठान खोलते समय कौन सा मंत्र बोलना चाहिए ? उनके लिए भी ये मंत्र उत्तम है। सुबह दूकान या प्रतिष्ठान खोलते समय इस मंत्र का कम से कम ३ बार जाप कीजिए , अति शुभ होता है।
गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः।
द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः॥
विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः।
द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत्॥
विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत् क्वचित्।
लिंग पुराण के अनुसार देवताओं ने भगवान शिव से राक्षसों के दुष्टकर्म में विघ्न पैदा करने के लिये वर मांगा। शिवजी ने वर देकर देवताओं को संतुष्ट कर दिया। समय आने पर गणेश जी प्रकट हुए। देवताओं ने गणेश जी की पूजा की। तब भगवान शिव ने गणेश जी को दैत्यों के कामों में विघ्न पैदा करने का आदेश दिया। इसलिए हर मांगलिक काम और पूजा-पाठ में नकारात्मक शक्तियों की रुकावटों से बचने के लिए विघ्नेश्वर गणेश जी की पूजा की जाती है।
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में आप चाहे किसी और भगवान की पूजा ,आराधना न कर सकें लेकिन विघ्नहर्ता गणेश का जरूर करना चाहिये क्योंकि उनकी एकमात्र पूजा से सभी की पूजा सम्पन्न मानी जाती है ।
वे शीघ्र प्रसन्न होने वाले देव है । ग्रह बाधा या पाप दोष गणपति आराधना में बाधा नहीं बनते है , उसका सीधा प्रभाव व्यक्ति के जीवन में होता है। जीवन में सुख समृद्धि आती है ।
क्या पूजा करते समय सबसे पहले गुरु का नाम लेना चाहिये या गणेश जी का ? सबसे पहले किस देवी देवता की उपासना करनी चाहिए
शास्त्रों के अनुसार सामान्य रूप से सबसे पहले गणेश जी की उपासना करनी चाहिए । यदि आपके गुरु हैं तो , पहले गुरु का स्मरण करें।
दो तरीके हैं।
1 - पहले श्री गणेश की पूजा फिर बाकी सभी।
2 - माता पहले, पिता दूसरे, गुरु तीसरे, गणेश चौथे, और बाकी सभी उसके बाद।
दोनों स्वीकार्य हैं
जब आप सबसे पहले अपने माता-पिता, जिन्होंने आपको अपने गुरु से परिचित कराया, और आपके गुरु जिन्होंने आपको गणपति से परिचित कराया, उनका सम्मान करना गणेश को पसंद है।
आपकी माँ दोनों (माँ, गुरु) होती हैं, जैसे आप उनकी कोख से निकले, और उन्होंने सबसे पहले आपको खाना खिलाया, और आपको दुनिया का परिचय दिया। प्रथम पूजा का हक़ उनका भी है।
सबसे पहले गणेश जी से प्रार्थना करें। वह वास्तव में सभी में प्रथम है। ऐसा करते समय गणपति में माता, पिता, गुरु के तत्त्व को याद रखें। गणपति ने तुम्हें अपनी माँ के गर्भ में जन्म लेने की अनुमति दी थी , इसलिए पहले उनकी पूजा करें, लेकिन सुनिश्चित करें कि आप ऐसा करने से पहले अपनी माँ को सम्मान दें। अपनी मां को प्रणाम करने से पहले गणपति की पूजा करें।
प्रथम पूज्य श्री गणेश जी को कोटि कोटि नमन
भगवान गणेश के 12 नाम लेने से सभी प्रकार की मनोकामना पूरी होती है। यह 12 नाम सुनकर श्री गणेश विशेष प्रसन्न होते हैं। वास्तव में जीवन का रक्षा कवच है श्री गणेश के 12 पवित्र नाम। इन्हें श्री गणेश के सामने धूप व दीपक लगाकर बोलें —-
गणपर्तिविघ्रराजो लम्बतुण्डो गजानन:।
द्वेमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिप:।।
विनायकश्चारुकर्ण: पशुपालो भवात्मज:।
द्वाद्वशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय य: पठेत्।।
विश्वं तस्य भवे नित्यं न च विघ्नमं भवेद् क्वचिद्।
प्रथम पूज्य गणेश मंत्र , गणपति के सरल और प्रभावी मंत्र
॥ ॐ गं गणपतये सर्व कार्य सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा ॥
यह गणेश जी का सबसे सरल और प्रभावी मंत्र है | सच्चे मन और श्रद्धा से इस मंत्र का जाप करने से कार्य में आने वाली बाधाएं दूर होती है |
गणेश रुद्राक्ष की विशेषता , गणेश रुद्राक्ष का क्या महत्व है?
हिंदू धर्म में कोई भी शुभ कार्य करने से पहले गणेश जी की पूजा की जाती है। गणेश जी की पूजा करने से हमारे कार्यों में विघ्न नहीं आता , और हमारा कार्य आसानी से संपन्न हो जाता है।
वहीं गणेश रुद्राक्ष को भी गणेश जी का स्वरूप बताया गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गणेश रुद्राक्ष सुख व समृद्धि का द्योतक माना जाता है। इसे धारण करने से मनुष्य को मानसिक शांति मिलती है।
जो लोग बुधवार के दिन गणेश रुद्राक्ष विधि पूर्वक पूजा करके धारण करते हैं, उनके जीवन में कभी कोई संकट नहीं आता है। और उन्हें हर कार्यों में सफलता मिलती है। यदि आपका कारोबार मंदा चल रहा है , और आप उसमें लाभ कमाना चाहते हैं तो श्री गणेश रुद्राक्ष जरूर धारण कीजिए।
आइए जानते हैं गणेश रुद्राक्ष कैसे धारण करना चाहिए
बुधवार के दिन गणेश रुद्राक्ष धारण करना विशेष फलदायी बताया गया है | ऐसा कहा जाता है कि जो लोग गणेश रुद्राक्ष धारण करते हैं, उनके किसी भी कार्य में बाधा नहीं आती।
गणेश रुद्राक्ष कैसे धारण करने की विधि
बुधवार सुबह नित्यकर्मों से निवृत होकर , अपने घर में पूजा के स्थान पर श्री गणेश जी की प्रतिमा या फोटो के सामने एक bowl ,कटोरी या कप में दूध और पानी डालकर उसमे श्री गणेश रुद्राक्ष रख दीजिए , उसके बाद घी का दीपक जलाएं और निम्न मंत्र का 11 बार जाप कीजिए ।
वक्र तुंड महाकाय, सूर्य कोटि समप्रभ:।
निर्विघ्नं कुरु मे देव शुभ कार्येषु सर्वदा॥
अब रुद्राक्ष को साफ़ पानी से धोकर ,धारण कर लीजिए। गले में पहनना हो तो , धागा लाल या सफ़ेद होना चाहिए।
आशा करते हैं सभी सवालों , सबसे पहले किस देवी देवता की उपासना करनी चाहिए ,सबसे पहले गणेश जी की पूजा क्यों होती है , श्री गणेश की पूजा , पूजा करते समय गुरु का नाम लेना चाहिये या गणेश जी का , सुबह दुकान खोलने का मंत्र , कलियुग में, मुख्य हिंदू देवता कौन हैं , सुबह दूकान या प्रतिष्ठान खोलते समय कौन सा मंत्र बोलना चाहिए। प्रथम पूज्य गणेश मंत्र , गणपति के सरल और प्रभावी मंत्र क्या है ? के जवाब मिल गए होंगे। कोई और सवाल हो तो मैसेज कीजिए , जय श्री राधे
जानिये - भगवान गणेश के वो 5 मंत्र कौन से हैं, जो हमारी किस्मत बदल सकते हैं ?
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